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स्वरोजगार का मौका पक्का!
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स्वरोजगार का मौका पक्का!
👉किसानों को धान की पराली को लेकर बहुत समस्या होती है तो देर किस बात की आप इस लेख में जानेंगे धान की पराली को एकत्र कर अपना रोजगार चालू करने का फैसला करेंगे , शाकाहारी लोगों के मन में मशरूम की एक अलग ही जगह है. लोग इसे बड़े चाव से खाना पसंद करते हैं. प्रोटीन की बात करें तो मशरूम में प्रचूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और सबसे अच्छी बात ये भी है कि मशरूम की खेती करने के लिए ना ही आपको हल चलाने की और ना ही बहुत सारी जमीन की जरूरत होती है. आप चाहें तो मशरूम की खेती एक कमरे में ही कर सकते हैं. 👉मशरूम दिल और शूगर के मरीजों के लिए काफी उपयुक्त है। भारत में वर्तमान वर्षों में इसकी खेती व्यापारिक तौर पर शुरू हुई है। इसे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में उगाया जाता है। खुम्ब की खेती कोई भी कर सकता है जैसे गृहिणी, रिटायर्ड व्यक्ति आदि। इस की खेती के लिए कम जगह की ही जरूरत पड़ती है। ढींगरी मशरूम की खेती बहुत आसान है और बहुत कम निवेश में की जा सकती है। इसलिए इसकी खेती बहुत प्रसिद्ध और इसे उगना बहुत ही आसान है,तो देर किस बात की चलिए बिस्तार पूर्वक जानते है. 👉ओयस्टर मशरूम की खेती कैसे करें? यदि आप ओएस्टर मशरूम लगाकर कमाई करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको उत्पादन कक्ष की आवश्यकता होगी। आप इन कक्षों का निर्माण कच्ची ईंट, पॉलीथीन तथा धान या अन्य फसल के पुआल सेकर सकते हैं। ध्यान रहे कक्षों में खिड़की और दरबाजे जालीदार होना चाहिए। इससे हवा का उचित आगमन हो सकता है। इसका उत्पादन फसल अवशिष्ट या भूसे से किया जा सकता है, बस ध्यान रहे यह सड़ी गली नहीं होनी चाहिए। 👉भूसा तैयार करने की प्रक्रिया:- ओएस्टर मशरूम के बीज को स्पॉन भी कहा जाता है। ध्यान रहे खेती के लिए स्पॉन को पहले से खरीदकर भंडारित न करें। इससे बीज सढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है। आप एक सप्ताह पहले मशरूम के बीजों को लेकर रख सकते हैं। कई संस्थानों पर इसके बीजों की बुकिंग पहले से करने की सुविधा उपलब्ध रहती है। इन्हें लगाने के लिए भूसा, पॉलीबैग, कार्बेंडाजिम, फॉर्मेलिन और बीज की आवश्यकता होती है। दस किलो भूसे के लिए एक किलो बीज की आवश्यकता होती है। इसके लिए पॉलीबैग, कार्बेंडाजिम, फॉर्मेलिन, की जरूरत होती है। 👉इस तरह करें ओएस्टर मशरूम की खेती सबसे पहले 100 लीटर पानी में 150 मिली. फार्मलिन, 7 ग्राम कॉर्बेंडाजिनअच्छी तरह घोल दें। अब इसमें 10 किलो भूसा या ( धान की पराली को छोटे-छोटे टुकड़ो में काट कर लेले)और डुबोकर उसका शोधन करें। इसे बारह घंटे तक भिगोकर रखें। अब इसे निकालकर जालीदार बैग या फिर चारपाई पर फैला दें, इससे अतिरिक्त पानी निकाल जाएगा। मशरूम उत्पादन के लिए आपने जिस कक्ष को तैयार किया है उसे 2 प्रतिशत फार्मलीन से उपचारित कर लें। अब ओयस्टर मशरूम के ताजा बीज लें, ध्यान रहे ये ज्यादा पुराने नहीं होना चाहिए। बुवाई के लिए 4 किलो गीले भूसे में 100 ग्राम बीज मिलकर इसे 4 किलो क्षमता वाली पोलिथीन में भर दें। थैली को अच्छी तरह से दबा दें, इस बात का ध्यान रखें कि थैली के अंदर हवा ना जाए, इसके लिए इसे उपर से अच्छी तरह से मोड़कर बंद कर दें। अब थैली के चारों और 5 मिमी. के 10-15 छेद कर दें। 👉बुवाई के बाद देख-रेख:- बीज लगाने के बाद आपको अच्छी तरह से कक्ष में थैलियों की देख-रेख करना है। इन थैलियों में फंगस लगने का डर रहता है, यदि एक थैली में भी फंगस लगती है तो यह दूसरी थैलियों को भी ख़राब कर देती हैं। इसलिए ध्यान रहे, थैली में हरा, काला या नीले रंग की फंगस दिखे तो इसे तुरंत बहार फेंक दें। आपने जिक कक्ष में थैलियों को रखा है उसमें लगभग 4 से 6 घंटे तक प्रकाश आना चाहिए। कक्ष में गर्मी है तो आप दीवारों पर पानी छिड़ककर में ठंडक पैदा कर सकते हैं। थैलियों पर भी 2-3 दिन पानी का हल्का छिडकाव करते रहे। 15 से 25 दिन बाद ओयस्टर मशरूम बाहर निकलने लगेंगी और आप इसकी पहली तुड़ाई स्पानिंग के लगभग 25 से 30 दिन बाद कर सकते हैं। पहली तुड़ाई के 8-10 दिन बाद आप इसकी दूसरी तुड़ाई कर सकते हैं। इस तरह आप 3 बार इसका मशरूम का उत्पादन ले सकते हैं। 👉मंडी में कीमत और कमाई ओएस्टर मशरूम / ढीगरी मशरूम की खेती में बहुत कम लागत के साथ अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। बाज़ार में मांग के अनुसार ढीगरी मशरूम की कीमत 200-250 रूपये प्रति किलो होती है। आप इसे मंडी या फिर सीधा कम्पनियों को भी बेच सकते हैं। यदि आप 1 टन ओयस्टर मशरूम का उत्पादन करते हैं तो इससे आप दो से ढाई लाख की कमाई कर सकते हैं। 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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