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सभी कीटों का होगा सफाया!
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सभी कीटों का होगा सफाया!
👉स्वागत है हमारे एग्रोस्टार के कृषि लेख में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वो फसलों में कीड़ों एवं बीमारियों की निरंतर निगरानी करते रहें. कोई दिक्कत हो तो कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और सही जानकारी लेने के बाद ही दवाईयों का प्रयोग करें. 👉फसलों में कीटों को मारने के लिए किसान प्रकाश प्रपंच का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस जुगाड़ में कीटनाशकों का स्प्रे करने की जरूरत नहीं होगी. प्लास्टिक के एक टब या किसी बड़े बरतन में पानी और कीटनाशक मिलाकर एक बल्ब जलाकर रात में खेत के बीच में रखे दें. लाइट से कीट आकर्षित होकर उसी घोल पर गिरकर मर जाएंगे. इस ट्रैप से कई प्रकार के हानिकारक कीटों का नाश होगा. इससे खर्च कम होगा और फसलों में कीटनाशकों का अवशेष नाम मात्र का रहेगा. अगर जरूरी हो तभी स्प्रे करें वो भी आसमान साफ हो तभी. वरना आपके पैसे का नुकसान हो जाएगा. 👉भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को यह सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि फसलों में कीड़ों एवं बीमारियों की निरंतर निगरानी करते रहें. कोई दिक्कत हो तो कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करें और सही जानकारी लेने के बाद ही दवाईयों का प्रयोग करें. यदि फसलों व सब्जियों में सफेद मक्खी या चूसक कीटों का प्रकोप दिखाई दें तो इमिडाक्लोप्रिड दवाई 1.0 मिली/3 लीटर पानी में मिलाकर उसका छिड़काव आसमान साफ होने पर करें. 👉मधुमक्खियों को खेत से न भगाएं:- वैज्ञानिकों ने कहा है कि कद्दूवर्गीय एवं अन्य सब्जियों में मधुमक्खियों का बड़ा योगदान होता है. क्योंकि, ये परागण में सहायता करती हैं. इसलिए मधुमक्खियों को खेत में रखें. अगर टमाटर, हरी मिर्च, बैंगन व अगेती फूलगोभी की पौध तैयार है तो मौसम को देखते हुए उसकी रोपाई (ऊथली क्यारियों या मेंड़ों) पर करे दें. किसान मूली (पूसा चेतकी), पालक (पूसा भारती, आलग्रीन), चौलाई (पूसा लाल चौलाई, पूसा किरण) आदि फसलों की बुवाई कर सकते हैं. लेकिन, प्रमाणित या उन्नत बीज का ही चयन करें. 👉सरसों और मटर की बुवाई कर दें किसान:- कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक यह समय स्वीट कॉर्न (माधुरी, विन ऑरेंज) तथा बेबी कॉर्न (एच एम-4) की बुवाई करने का है. सरसों की अगेती बुवाई का भी समय है. इसलिए पूसा सरसों-25, पूसा सरसों-26, पूसा सरसों-28, पूसा अगर्णी, पूसा तारक, पूसा महक आदि के बीज की बुवाई कर सकते हैं. बीज दर 1.5 से 2.0 किलोग्राम प्रति एकड़ रखें. 👉किसान इस समय अगेती मटर की भी बुवाई कर दें तो फायदेमंद रहेगा. इसकी उन्नत किस्म पूसा प्रगति है. बीज दर 35-40 किग्रा प्रति एकड़ होगी. बीजों को कवकनाशी केप्टान @ 2.0 ग्राम प्रति किग्रा बीज की दर से मिलाकर उपचार करें. बीज उपचारित करने के बाद ही बुवाई करें. 👉मशीन से गाजर की बुवाई में कम लगेगा बीज:- इस मौसम में किसान गाजर की बुवाई मेड़ों पर कर सकते हैं. गाजर की उन्नत किस्म पूसा रूधिरा है. बीज दर 4.0 किलोग्राम प्रति एकड़ है. बुवाई से पहले बीज को केप्टान @ 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करें. खेत में देसी खाद, पोटाश और फास्फोरस उर्वरक अवश्य डालें. 👉गाजर की बुवाई मशीन द्वारा करने से बीज सिर्फ एक किलोग्राम प्रति एकड़ लगता है. मशीन की वजह से बीज की बचत होती है और उत्पाद की गुणवत्ता भी अच्छी रहती है. सब्जियों (टमाटर, बैंगन, फूलगोभी व पत्तागोभी) में फल छेदक एवं फूलगोभी और पत्तागोभी में डायमंड बेक मोथ की निगरानी करके उसका वैज्ञानिकों से पूछकर निदान करें. 👉स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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