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सब्जियों में रस चूसक कीट का नियंत्रण
👉कृषि में रस चूसक कीटों जैसे माहू, सफेद मच्छर, और हरा तेला का प्रकोप अक्सर देखने को मिलता है। ये कीट पौधों की कोमल पत्तियों का रस चूसकर उन्हें कमजोर कर देते हैं, जिससे पौधों का विकास प्रभावित होता है। इनके प्रकोप के कारण पौधों की पत्तियां मुड़ने लगती हैं और फसल की गुणवत्ता में गिरावट आती है।
👉जब ये कीट फलों पर भी अपना असर डालते हैं, तो फलों का रस चूसने लगते हैं, जिससे फल पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते। इससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और उपज कम हो जाती है, जिससे किसान भाईयों को आर्थिक नुकसान होता है।
👉नियंत्रण के प्रभावी उपाय
रस चूसक कीटों के नियंत्रण के लिए, पाइरिप्रोक्सीफेन 10% + बिफेन्थ्रिन 10% ईसी घटक युक्त **एडोनिक्स नियो** का उपयोग करें। इसे 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर अच्छे से छिड़काव करें। यह छिड़काव कीटों के प्रभाव को कम करने में सहायक होगा और पौधों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेगा।
👉इस प्रकार, समय पर और उचित नियंत्रण उपायों से रस चूसक कीटों के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार हो सकता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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