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मिलीबग का नियंत्रण !
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मिलीबग का नियंत्रण !
🌱आम व लीची के अलावा कटहल, पपीता, अमरूद व अन्य फलों पर मिलीबग कीट का साया मंडरा रहा है। यह कीट एक सीजन में अपने जीवनकाल का एक चक्र पूरा कर लेता है। यह कीट मुख्य तौर पर आम व अमरूद पर हमला करता है। मिलीबग कीट आम के पेड़ की शाखाओं पर पहुंचकर इनके चारों ओर भारी संख्या में एकत्रित हो जाते हैं और यहां से वह फलों व पौधों का रस चूसते हैं। इससे शाखाएं व मंजरी सूख जाती हैं। जिस कारण फल नीचे गिर जाता है। मिलीबग कीट इस दौरान एक प्रकार का मीठा द्रव्य भी छोड़ता है, जिसे हनीडयू कहते हैं। नियंत्रण :- 🌱गिरी हुई पत्तियों और टहनियों को इकट्ठा करके जला दें। 🌱अक्टूबर के दौरान बगीचे में पानी भरने से मिट्टी में मौजूद अंडे नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा नवंबर में गहरी जुताई करने से अंडे सूर्य की रोशनी के संपर्क में आ जाते हैं। 🌱अंडे सेने के बाद शिशु पेड़ पर चढ़ना शुरू कर देते हैं और रस चूसते हैं। इससे बचने के लिए पेड़ के तने को जमीन से लगभग 30 सेमी की ऊंचाई पर पॉलिथीन शीट (30 सेमी चौड़ा) से बांध दें और बैंड के निचले किनारे पर ग्रीस लगा दें। या आप फ़नल टाइप स्लिपरी ट्रैप का उपयोग कर सकते हैं। 🌱पेड़ पर पहले से मौजूद कीड़ों को नियंत्रित करने के लिए आप मछली के तेल के रसिन साबुन या एजाडिरेक्टिन (नीम उत्पाद) का छिड़काव कर सकते हैं। 🌱ब्यूवेरिया बैसियाना कवक के बीजाणुओं को मिट्टी में लगाने से माइलबग की आबादी कम करने में मदद मिलती है। 🌱या फसल मे क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी 2.5 मिली/लीटर या मोनोक्रोटोफॉस 36 डब्ल्यूएससी 1.5 मिली/लीटर का छिड़काव कर इस कीट को नियंत्रित किया जा सकता है। 👉स्त्रोत:-AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
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