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मिर्च की फसल में मकड़ी की समस्या का नियंत्रण
👉मिर्च की फसल में मुलायम पत्तियों पर रस चूसने वाले कीटों का प्रकोप अधिक होता है, जो पौधे की बढ़वार को प्रभावित करता है। इन कीटों का असर पत्तियों की निचली सतह पर अधिक दिखाई देता है, जहां वे पत्तियों का रस चूसकर उन्हें कमजोर बनाते हैं। इसके कारण प्रभावित पत्तियां नीचे की ओर मुड़ने लगती हैं, सिकुड़ जाती हैं और भंगुर हो जाती हैं। पत्तियों की निचली सतह पर छाले या फफोले जैसे निशान दिखने लगते हैं, जिससे पत्तियों का रंग भी बदलने लगता है। यह प्रकोप बढ़ने पर पत्तियां उलटी नाव जैसी दिखाई देने लगती हैं, और पौधे की सामान्य वृद्धि रुक जाती है, जिससे उत्पादन में कमी आ सकती है।
👉इस समस्या के प्रभावी नियंत्रण के लिए स्पिरोमेसीफेन घटकयुक्त "सिकंदर" का छिड़काव करना लाभकारी हो सकता है। इसका उपयोग 0.8 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से करना चाहिए। इस दवा का छिड़काव पत्तियों की निचली सतह पर करें ताकि कीटों पर सीधा असर हो। उचित समय पर नियंत्रण उपाय अपनाने से मिर्च की फसल की बढ़वार और उत्पादन क्षमता बनाए रखी जा सकती है, जिससे अच्छी गुणवत्ता का उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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