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मिर्च की फसल में छाछया रोग की समस्या एवं नियंत्रण
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मिर्च की फसल में छाछया रोग की समस्या एवं नियंत्रण
👉मिर्च की फसल में छाछया रोग का प्रकोप शुष्क मौसम और आंशिक रूप से बादल छाए रहने और कम आर्द्रता के कारण अधिक होता है। इस रोग के संक्रमण के बाद, निचले पुराने पत्तों पर भूरे रंग का पाउडर जैसी फफूंदी दिखाई देती है, जिससे प्रकाश संश्लेषण में रुकावट आती है। इसके कारण पत्तियाँ और फूल पीले होकर गिरने लगते हैं, और पौधे सुस्त हो जाते हैं, जो फसल की उपज को प्रभावित करता है। 👉इस रोग से बचाव के लिए फसल को पोटाश युक्त पोषकतत्व की संतुलित मात्रा में देना चाहिए, ताकि पौधों की सेहत बनी रहे और वे छाछया रोग से बच सकें। अगर खड़ी फसल में यह समस्या दिखे तो नियंत्रण के लिए प्रभावी कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है। 👉टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% घटकयुक्त टेबुल का 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें, या फिर अझॉक्सीस्ट्रोबिन + टेबुकोनाज़ोल घटकयुक्त रोजताम का 1.5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह उपाय रोग के फैलाव को नियंत्रित करने में मदद करता है और फसल को स्वस्थ रखता है। 👉स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
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