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महाशिवरात्रि का महत्व, व्रत और पूजा के नियम!
👉🏻महाशिवरात्रि भारत का प्रमुख धार्मिक पर्व है। ये पर्व फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन शिवभक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन देशभर के सभी शिव मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भगवान शिव के भक्तों के लिए शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का दिन काफी खास होता है।
महाशिवरात्रि तिथि:-
👉🏻चतुर्दशी तिथि आरंभ: 1 मार्च, मंगलवार, 03:16 AM से
👉🏻चतुर्दशी तिथि समाप्त: 2 मार्च, बुधवार, 10:00 AM तक
पूजन मुहूर्त:-
आइए जानते हैं इस दिन चार पहर की पूजा का समय-
👉🏻महाशिवरात्रि पहले पहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21 PM से 9:27 PM तक
👉🏻महाशिवरात्रि दूसरे पहर की पूजा: 1 मार्च को रात्रि 9:27 AM से 12:33 AM तक
👉🏻महाशिवरात्रि तीसरे पहर की पूजा: 2 मार्च को रात्रि 12:33 AM से सुबह 3:39 AM तक
👉🏻महाशिवरात्रि चौथे पहर की पूजा: 2 मार्च 2022 को 3:39 AM से 6:45 AM तक
व्रत का पारण: 2 मार्च 2022, बुधवार को 6:45 AM
महाशिवरात्रि की पूजा विधि:-
👉🏻महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर लें।
👉🏻इसके उपरांत एक चौकी पर जल से भर हुए कलश की स्थापना कर शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र रखें।
👉🏻इसके बाद रोली, मौली, अक्षत, पान सुपारी ,लौंग, इलायची, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, कमलगटटा्, धतूरा, बिल्व पत्र, कनेर आदि अर्पित करें।
👉🏻इसके बाद भगवान शिव की आरती पढ़ें।
👉🏻यदि आप रात्रि जागरण करते हैं तो उसमें भगवान शिव के चारों प्रहर में आरती करने का विधान है।
महाशिवरात्रि व्रत नियम जानें:-
👉🏻महाशिवरात्रि पर प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. फिर पूजा आरंभ करें।
👉🏻व्रत में नियमों का कठोरता से पालन करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।
👉🏻साथ ही महाशिवरात्रि के व्रत का पारण भी विधिपूर्वक करना चाहिए।
👉🏻सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य समय में ही व्रत पारण करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र:-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
यह है शिव मंत्र:-
'ओम अघोराय नम:।।
ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय'
इन चीजों को करें भगवान शिव पर अर्पित:-
👉🏻अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें।
👉🏻महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत चढ़ाना चाहिए. पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना हुआ मिश्रण. जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं उन्हें पहले प्रहर का अभिषेक जल, दूसरे प्रहर का अभिषेक दही, तीसरे प्रहर का अभिषेक घी और चौथे प्रहर का अभिषेक शहद से करना चाहिए।
शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें:-
👉🏻अब आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. ध्यान रहे कि बेलपत्र अच्छी तरह साफ किये होने चाहिए. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप जरूर करें. सुविधानुसार माला पर भी जप कर सकते हैं. अब आप भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें. शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें।
घर पर कर सकते हैं पूजन:-
👉🏻वैसे तो शिवरात्रि के दिन मंदिर जाकर पूजन करना विशेष फलदायी होता है, लेकिन यदि आप नहीं जा पाते हैं तब भी घर पर ही पूजन करें।
स्रोत:- Agrostar,
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