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मटर की फसल में फली छेदक कीट नियंत्रण
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मटर की फसल में फली छेदक कीट नियंत्रण
👉मटर उत्पादक क्षेत्रों में एक सामान्य और हानिकारक कीट फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। यदि समय पर नियंत्रण न किया जाए, तो यह कीट फसल को 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है। ये कीट पत्तियों को काटकर फलियों में छेद करते हैं और दानों को खाकर उन्हें खोखला बना देते हैं। 👉इस कीट की पहचान फलियों पर आधे बाहर लटके शरीर से आसानी से की जा सकती है। इनके हमले से फूल और नई फलियां गिरने लगती हैं। फली के अंदर लार्वा के विकास के कारण मल जमा होता है, जिससे फलियों पर नरम और सड़े हुए धब्बे दिखाई देते हैं। पुरानी फलियों पर लार्वा के प्रवेश स्थान पर भूरे रंग के धब्बे बनते हैं। 👉इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 9.3% + लैम्ब्डा 4.6% ZC (कोपिगो) का उपयोग करें। इसे 0.6 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। छिड़काव के दौरान फसल के सभी भागों तक दवा पहुंचे, इसका ध्यान रखें। समय पर कीट प्रबंधन से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार किया जा सकता है। 👉स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
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