गुरु ज्ञानAgroStar
मक्का की बुआई से पहले कौनसे बातों का ध्यान रखें !
🌽 मक्का भारत में चावल और गेहूँ के बाद तीसरी सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल है।
▪️ यह मनुष्य और पशुओं दोनों के लिए आहार का काम करती है |
▪️ इसके अलावा व्यापारिक दृष्टि से भी इसका बहुत अधिक महत्त्व है |
🌽 भूमि एवं इसकी तैयारी :-
▪️ मक्के की अच्छी गुणवत्ता के लिए बलुई दोमट और भारी भूमि की आवश्यकता होती है |
▪️ इसके अलावा भूमि अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए |
▪️ उपज बढ़ाने के लिए 5.5- 7.5 के बीच पीएच वाली और कार्बनिक पदार्थ ज्यादा होनेवाली मिट्टी की आवश्यकता होती है।
▪️ मक्के के बीजो को खेत में लगाने से पूर्व खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना चाहिए |
▪️ इसके लिए सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर देनी चाहिए|
▪️ इसके बाद कुछ समय के लिए खेत को ऐसे ही खुला छोड़ दे |
▪️ मक्के की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी को पर्याप्त मात्रा में उवर्रक देना आवश्यक होता है |
▪️ इसके लिए 6 से 8 टन पुरानी गोबर की खाद को खेत में डाल देना चाहिए।
🌽 बुवाई का समय एवं विधि :-
▪️ मक्के की बुवाई बीज बोकर या ट्रैक्टर सीड ड्रिल की सहायता से की जा सकती है।
▪️ मक्के की बुवाई वर्ष भर खरीफ, रबी एवं जायद ऋतू में कर सकते है |
▪️ खरीफ ऋतू में बुवाई मानसून पर निर्भर करती है|
▪️ खरीफ सीजन में, फसल मानसून की शुरुआत के साथ मई के अंत से जून के महीने में बोई जाती है।
🌽 बीजदर एवं बीज बोने की दुरी :-
▪️ बीज की दर बुवाई के उद्देश्य, बीज का आकार, मौसम, पौधे का प्रकार, बुवाई विधि ये कारक पर निर्भर करता है।
▪️ खरीफ मक्का के लिए (8-10 किलोग्राम/एकड़), स्वीट कॉर्न (6-8 किलोग्राम/एकड़), चारा (25-30 किलोग्राम/एकड़) बीज दर का पर्याप्त है |
▪️ खरीफ मक्का के लिए (60x20 सेमी अंतराल ), स्वीट कॉर्न (60x20 सेमी अंतराल) दुरी पर्याप्त है |
🌽 उन्नत किस्मों का चुनाव :-
▪️ मक्का की बीज की बुवाई करने के लिए एग्रोस्टार 111, 1221, 1232 बीज इस्तेमाल करें |
🌽 स्त्रोत:- AgroStar
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