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बदलते मौसम में पशुओं का पोषक आहार!
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बदलते मौसम में पशुओं का पोषक आहार!
🐃 मौसम के मिजाज में धीरे-धीरे परिवर्तन का दौर जारी है. जहाँ गर्मियाँ अपने अंतिम पड़ाव पर है, वही बारिश का मौसम धीरे-धीरे अपने पैर पसार रहा है. ऐसे बदलते मौसम में किसान पशु-पालकों को अपने पशुओं का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. क्योकि पशुपालन में पशुओं की मुख्य भूमिका होती है. 🐃 कार्बोहाइड्रेट की अहम भूमिका पशुओं के आहार में कार्बोहाइड्रेट की काफी अहम भूमिका होती है. जोकि पशुओ के चारे में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है. यह अधिकतर गेहूं के भूसे, धान का पुआल, अनाज के दाने के रेशों में तथा ज्वार, बाजरा व मक्का की कड़वी में भरपूर पाया जाता है. 🐃 शारीरिक संरचना के लिए प्रोटीन जरुरी प्रोटीन पशु की शारीरिक संरचना के लिए महत्वपूर्ण आवश्यक तत्व है. यह शरीर की वृध्दि के साथ-साथ, गर्भ में पल रहे शिशु के लिए अति आवश्यक होता है. प्रोटीन मुख्य रूप से अनाज और खलियों में तथा दलहनी हरे चारे जैसे की लोबिया, ग्वार, रिजका एवं बरसीम में भरपूर मात्रा में पाया जाता है. वही दूध उत्पादन में भी प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसलिए पशुपालक किसान भाई अपने पशुओं को बरसीम, लूसर्न, ग्वार एवं लोबिया आदि को हरे चारे के रूप में एवं दाल चूरी, कोरमा तथा खल आदि को दाने के रूप में खिलाएं. 🐃 वसा पशुओं की ताकत के लिए जरुरी वसा पशुओं की ताकत के लिए आवश्यक होती है. यह शरीर को उष्मा और ऊर्जा प्रदान करती है. इसलिए पशुओ के आहार में लगभग 3 से 5 प्रतिशत वसा की जरुरत होती है. पशुओ में वसा की पूर्ति के लिए बिनौला, सोयाबीन, सरसों, तिल एवं मूंगफली को पशु आहार में जरुर शामिल करे. 🐃 हड्डियों के लिए खनिज तत्व जरुरी पशु आहार में खनिज लवण की जरुरत होती है. यह हड्डियों एवं मांसपेशियों को मजबूत बनाते है. खनिज लवणों में मुख्य रूप से कैल्सियम, फ़ॉस्फोरस, लोहा, आयोडीन, कॉपर, कोबाल्ट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम एवं जिंक मुख्य तत्व है. पशुपालक किसान भाई अपने बड़े पशुओं को 50 ग्राम एवं छोटे पशुओं को 25 ग्राम खनिज लवण प्रति दिन आहार में शामिल करना चाहिए. वही सोडियम की कमी को दूर करने के लिए बड़े पशुओं को 25 ग्राम नमक एवं छोटे पशुओं को 10 ग्राम नमक प्रतिदिन खिलाना चाहिए. 🐃 जरुरी है पशुओं के लिए विटामिन की खुराक विटामिन पशुओं को कई रोगों से दूर रखती है. इसलिए इसकों पशु आहार में जरुर शामिल करे. इससे पशुओं में रतौंधी, बेरी-बेरी तथा बांझपन दूर होता है. वही पशुओं में विटामिन डी की कमी से हड्डियाँ टेढ़ी एवं मुलायम हो जाती है. 🐃 स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों यह जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।
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