गुरु ज्ञानAgroStar
फसलों में सफेद मक्खी का नियंत्रण
"👉सफेद मक्खी एक हानिकारक कीट है जो पौधों का रस चूसकर उन्हें कमजोर बना देती है। यह कीट शहद जैसा मीठा पदार्थ छोड़ती है, जो पत्तियों पर गिरकर उन्हें चिपचिपा बना देता है। इस चिपचिपे पदार्थ पर काली कालिख जैसी फफूंद विकसित हो सकती है, जिससे पत्तियों का प्रकाश संश्लेषण बाधित होता है। इससे पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और गंभीर प्रकोप होने पर पौधे सूखकर नष्ट हो सकते हैं।
👉इस कीट के नियंत्रण के लिए उचित उपाय करना आवश्यक है। एसिटामिप्रिड घटकयुक्त मॅड्रिड @ 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें, जिससे सफेद मक्खी का प्रभाव कम होगा। इसके अलावा, पैरीप्रॉक्सीफेन 5% + डायफेंथ्युरोन 25% एसई घटकयुक्त ऍडोनिक्स @ 2 मिली प्रति लीटर छिड़काव करने से भी प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।
👉नियमित रूप से फसल का निरीक्षण करें और शुरुआती अवस्था में ही उपचार करें ताकि सफेद मक्खी का प्रकोप न बढ़े। साथ ही, खेत में संतुलित पोषक तत्वों का प्रबंधन करें और उचित फसल चक्र अपनाएं। सही उपायों से इस कीट से बचाव कर फसल की उपज और गुणवत्ता को सुरक्षित रखा जा सकता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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