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फसलों जड़ गलन रोग का नियंत्रण
👉जड़ गलन रोग एक फफूंदजनित बीमारी है जो जमीन में उत्पन्न होती है और पौधों की जड़ों पर हमला करती है। इसके कारण जड़ें काली पड़ने लगती हैं, जिससे पौधे आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित नहीं कर पाते और धीरे-धीरे पीले पड़कर मुरझा जाते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों में पत्तों पर पीलापन दिखाई देना और पौधों का मुरझाना शामिल है। गंभीर स्थिति में पौधे जमीन पर गिरकर सड़ने लगते हैं।
👉इस बीमारी से ग्रस्त पौधों की जड़ें उखाड़ने पर काली दिखाई देती हैं। इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए, रोपाई के बाद कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% डब्ल्यू जी युक्त कूपर 1 को 500 ग्राम की मात्रा में या मैंकोजेब 63% + कार्बेन्डाजिम 12% WP संघटन वाले मन्डोज को प्रति एकड़ 500 ग्राम की मात्रा में मिट्टी में खाद के साथ मिलाकर देना चाहिए। इससे फफूंद का प्रभाव कम होता है और पौधों को जड़ गलन रोग से सुरक्षा मिलती है, जिससे उनकी वृद्धि में सुधार होता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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