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प्लास्टिक की बेकार बोतल में उगाए हरी प्याज!
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प्लास्टिक की बेकार बोतल में उगाए हरी प्याज!
👉🏻जलवायु परिवर्तन के दौर में फल और सब्जियों की खेती करना किसानों के लिये चुनौतीपूर्ण काम बनता जा रहा है. बेसमय मौसम का बदलना, कीडे और बीमारियां आदि फसलों की क्वालिटी को प्रभावित कर रहे हैं. खेतों में अच्छी क्वालिटी की फसलें उगती भी है, तो कई बार उनकी बिक्री और भंडारण समय पर नहीं हो पाता, जिससे फसल सड़ने लगती है. खासकर बात करें हरी प्याज की खेती के बारे में तो फसल में कीड़े लगने का खतरा बना रहता है. ऐसी स्थिति में आप चाहें तो घर ही बिना किसी खर्च में सेहतमंद और ताजा प्याज उगा सकते हैं। 👉🏻आवश्यक वस्‍तु:- घर पर हरी प्याज उगाने के लिये कुछ चीजों की जरूरत होती है, जैसे हरे प्याज की कटिंग यानी उसकी जड़, 5 लीटर की प्लास्टिक की बोतल, पानी, मिट्टी, खाद (कोकोपीट या गोबर की खाद) और रस्सी आदि। 👉🏻ये है प्याज उगाने की पूरी प्रोसेस:- ◾सबसे पहले पांट लीटर की प्लास्टिक की बोतल लेकर उसका ऊपरी हिस्सा कैंटी की मदद से काटकर अलग कर लें। ◾इसके बाद हर 3 इंच की दूरी पर बोतल के चारों ओर छोटे-छोटे छेद बनायें, ताकि हरी प्याज की जड़ को इसमें सेट किया जा सके। ◾अब बोतल में 50 फीसदी वर्मी कंपोस्ट और 50 फीसदी कोकोपीट मिलाकर भर दें, जिससे पौधे लगाने पर उनका विकास हो सके। ◾सब्जी का पॉट तैयार होने पर उसमें प्याज की जड़ों को सैट करें और पौधों में स्प्रे की मदद से हल्का पानी डाल दें। ◾इस प्रकार हरा प्याज का पौधा लगकर तैयार होगा, जिसके बाद हर कुछ दिनों में पौधों की कटिंग करके कई बार हरी प्याज का उत्पादन ले सकते हैं। 👉🏻इस तरह करें पौधे की देखभाल:- ◾हरी प्याज का पौधा लगाने भर से काम खत्म नहीं होता, बल्कि समय-समय पर पौधे को देखभाल की भी जरूरत होती है। ◾ऐसे में हरी प्याज की अच्छी उपज के लिये पॉट में मिट्टी, फास्फोरस, नाइट्रोजन, पोटाश और गोबर की खाद जरूर मिलायें। ◾किसी भी दवा या कीटनाशक या कैमिकल वाली खाद का इस्तेमाल ना करें, इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ◾पौधे में कीड़े या फफूंदी रोग लगने पर नमी के तेल को पानी में मिलाकर स्प्रे करें. चाहें तो मिंट या तुलसी के तेल का भी स्प्रे कर सकते हैं। ◾हरी प्याज के गमले को सीधी धूप दिखायें, जिससे हरी प्याज के पौधों से हर 20 से 25 दिनों में उत्पादन ले सकते हैं। ◾पौधे की लंबाई 3 सेमी. होने पर (हर 4 महीने में) पौधों की कटिंग करें और कटिंग के बाद 20 दिन में अंकुरण की जांच करते रहें। ◾अगर पौधों की जड़ या बीज से पौधे नहीं निकल रहे हैं, तो पुरानी जड़ों को बाहर निकालकर नई जडें भी लगा सकते हैं। ◾सुविधा के लिये प्लास्टिक की बोतल को जमीन पर रखने के बजाय खूंटी पर टांग भी सकते हैं। स्त्रोत:- Agrostar, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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