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धान में तना छेदक कीट के लक्षण और उसके लिए उपचार!
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धान में तना छेदक कीट के लक्षण और उसके लिए उपचार!
किसान मित्रों धान में तना छेदक कीट के लक्षण और उसके लिए क्या उपचार किया जाए इसके बारे में जानेंगे। लक्षण :- तना छेदक कीट तने को अंदर से खाता रेहता है उसके बाद तना जो है, वह सूखा हुआ दिखाई पड़ता है, उसके बाद पीला दिखाई पड़ने लगेगा। फिर कुछ दिन बाद पौधा लाल कलर का हो जाएगा और उसके बाद पूरा सूख जाता है। तो इस प्रकार से हम तना छेदक रोग को पहचान सकते हैं। इसके चलते धान का उत्पादन काफी कम हो जाता है। इसके अंदर जो कीड़ा लगता है वह चावल के दाने जैसा बिल्कुल सफेद होता है। इसका मुंह काला या बुरा होता है। गर्म और आद्र भरे मौसम में इस कीट का प्रकोप अधिक होता है। उपचार :- 1) जुलाई के प्रथम पखवाड़े तक धान की बुवाई कर देनी चाहिए। 2) बुवाई के बाद नर्सरी में १५ दिन बाद फिप्रोनिल 0.3% जीआर घटक युक्त एग्रोनिल-जीआर @ 1 किलो प्रति 100 चौरस 3) मीटर क्षेत्र में रेत में मिक्स करके दीजिये। 4) फसल में नाइट्रोजन युक्त खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। फसल में यूरिया खाद की जगह पर अमोनियम सल्फेट का इस्तेमाल करें। 5) रोपाई से पहले पौधे के ऊपर भाग को काट कर रोपाई करे। 6) इस किट के प्रौढ़ पतंग को आकर्षित करने के लिए गंध पाश जाल का इस्तेमाल कीजिये। और अगर संभव हो तो प्रकाश जाल भी लगा सकते है। 7) रोपाई के बाद, फसल की अवस्था के अनुसार अमेज-एक्स @ 80 ग्राम या फेम @ 60 मिली या कोराजन @ 60 मिली, टाकूमी @ १०० ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें। स्त्रोत:- AgroStar 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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