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टमाटर में फल छेदक इल्ली से समाधान
👉टमाटर की फसल में फल छेदक कीट एक गंभीर समस्या है, जो फलों को भारी नुकसान पहुंचाता है। इस कीट का लार्वा हरे रंग का होता है और प्रौढ़ कीट भूरे रंग के होते हैं। लार्वा फसल को सबसे अधिक क्षति पहुंचाते हैं और फलों को खराब कर देते हैं।
👉कीट का प्रभाव
1.फूल आने से पहले: यह सुंडी कोमल शाखाओं और पत्तियों को खाती है, जिससे पत्तियों में छेद दिखाई देते हैं।
2. फल लगने के बाद: सुंडी फल में गोल छेद बनाकर अपने शरीर का आधा हिस्सा अंदर डालकर फल का गूदा खाती है, जिससे फल सड़ने लगते हैं। इससे न केवल फलों की गुणवत्ता खराब होती है, बल्कि उत्पादन में भी कमी आती है।
👉नियंत्रण के उपाय:
1. प्रकोपित फल निकालें: सबसे पहले सभी प्रकोपित फल निकाल लें ताकि कीट का फैलाव रोका जा सके।
2. रासायनिक नियंत्रण: क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी घटक युक्त रैपिजेन का उपयोग करें। इसे 6 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें। यह कीट को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद करेगा और फसल को बचाएगा।
👉इस प्रकार, समय पर कीट नियंत्रण से टमाटर की फसल को बचाया जा सकता है और उत्पादन में सुधार किया जा सकता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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