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जुलाई अगस्त में करे तोरई की खेती होगा भरपूर मुनाफा!
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जुलाई अगस्त में करे तोरई की खेती होगा भरपूर मुनाफा!
👉नमस्कार किसान भाइयों आप का स्वागत है एग्रोस्टार के कृषि लेख में आज हम जानेंगे जुलाई -अगस्त में करे तोरई की खेती होगा भरपूर मुनाफा! बरसात के दिनों में किसान तोरई की खेती कर रहे हैं. इससे कम लागत में अच्छा मुनाफा हो रहा है. दरअसल गर्मी के दिनों में सुपाच्य पौस्टिक समझी जाने वाली तोरई की कीमत बाजार में अच्छी मिल रही है. इसे देखकर हरदोई के कुछ अनुभवी किसान समय से पहले तोरई उगाकर अपनी इनकम बढ़ा रहे हैं. उसकी मचान विधि से खेती करके अच्छी उपज ले रहे हैं. समय पर उसे बाजार में पहुंचा कर अच्छी कीमत प्राप्त कर रहे हैं. खुदरा बाजार में तोरई की कीमत 25 से 50 रुपये प्रति किलो के बीच चल रही है, जिसे काफी अच्छा माना जाता है. कुछ किसान अपनी तोरई को दिल्ली तक के बाजारों में पहुंचाकर कमाई कर रहे हैं. 👉जिले के सरैया निवासी किसान अमर सिंह का कहना है कि वह पहले पारंपरिक खेती करते थे. लेकिन धान और गेहूं की फसल में अब कुछ खास फायदा नहीं मिलता. इसलिए उन्होंने सब्जियों की खेती का फैसला लिया. पहले वो अपने छप्पर पर तोरई की कुछ लताओं को फैला दिया करते थे. एक दिन उद्यान विभाग ने उनके गांव में एक चौपाल लगाई और लोगों को सब्जी की खेती के विषय में जानकारी दी. कुछ बीज भी मुहैया करवाए. फिर उन्होंने इसकी विधिवत खेती शुरू कर दी. 👉कैसे शुरू की तोरई की खेती:- सिंह ने बताया कि विभाग से बीज मिलने के बाद उन्होंने इसकी खेती में फायदे को देखते हुए एक बीघे में काम शुरू किया. जिसमें अच्छी फसल हुई. जिस तरीके से मचान विधि का इस्तेमाल करने का तरीका उद्यान विभाग ने बताया था, उन्होंने उसी विधि को अपनाया. एक बीघे खेत में की गई तोरई की खेती में बड़ी संख्या में फलत प्राप्त हुई. उसी के बाद से वह इसे बड़े स्तर पर करने के लिए तैयारी करने लगे. अब उन्होंने 1 हेक्टेयर खेत को तोरई की फसल के लिए तैयार किया. उसमें उन्होंने उद्यान विभाग से जानकारी लेने के बाद में फसल की तैयारी कर ली. पहले रोजाना वह एक तसला में रखकर तोरई साइकिल पर सब्जी मंडी बेचने जाते थे लेकिन अब 1 हेक्टेयर में की गई तोरई की खेती से अच्छा खासा माल निकल जाता है. 👉कम खर्च में अधिक मुनाफा:- सिंह ने बताया कि उन्होंने फसल में सिर्फ 15000 का खर्चा किया था, लेकिन पहली बार में की गई फसल से मुनाफा लाखों में था. अब उनकी तोरई की फसल को खुद व्यापारी आकर खरीद कर बाहर के मार्केट में ले जा रहे हैं. वो उत्तम बीज के इस्तेमाल के साथ-साथ तोरई की फसल के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं. जिससे उनकी तोरई हरी-भरी और साफ-सुथरी होती है. समय-समय पर उद्यान विभाग भी उनकी मदद करता रहता है. जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि जिले में बड़ी संख्या में लोग तोरई की खेती कर रहे हैं. लखनऊ, कानपुर, दिल्ली और हरियाणा के अलावा बड़ी दूर दूर तक हरदोई की तोरई बिकने के लिए जा रही है. 👉स्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!"
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