AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
जीरे की फसल में झुलसा रोग  एवं नियंत्रण
गुरु ज्ञानAgroStar
जीरे की फसल में झुलसा रोग एवं नियंत्रण
👉झुलसा रोग जीरे की फसल को भारी नुकसान पहुंचाने वाला प्रमुख रोग है। यह रोग तब अधिक सक्रिय होता है जब फसल में फूल आने शुरू हो जाते हैं और आकाश में बादल छाए रहते हैं। यदि फूल आने के बाद से फसल पकने तक मौसम अनुकूल बना रहता है, तो यह रोग तेजी से फैल सकता है। 👉झुलसा रोग के लक्षण: 1. पत्तियों और तनों पर भूरे या काले धब्बे बनना। 2. रोगग्रस्त भाग धीरे-धीरे सूखने लगना। 3. फूलों और फलों का झड़ना। 👉रोग का प्रभाव: - झुलसा रोग के कारण पौधों की ग्रोथ रुक जाती है। - फसल का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों में भारी गिरावट होती है। 👉नियंत्रण के उपाय: - झुलसा रोग को नियंत्रित करने के लिए रोजतम कवकनाशी का उपयोग करें। - 240 से 300 मिली रोजतम प्रति एकड़ की दर से पानी में मिलाकर छिड़काव करें। - छिड़काव के लिए सुबह या शाम का समय चुनें। 👉सही समय पर रोग का उपचार करने से फसल की पैदावार और गुणवत्ता बनाए रखी जा सकती है। नियमित निगरानी और उचित उपाय फसल को सुरक्षित रखने के लिए अनिवार्य हैं। 👉स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
6
0
अन्य लेख