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चने की फसल में हरी इल्ली का प्रभावी नियंत्रण
👉इल्लियों का प्रकोप मुख्य रूप से चना फसल की फलियों पर होता है, जबकि पत्तियां और पुष्पों पर इसका प्रभाव अपेक्षाकृत कम होता है। इन इल्लियों की हरी लटें लगभग 1.25 इंच लंबी होती हैं, जो बाद में भूरे रंग की हो जाती हैं। छोटी इल्लियां फसल की कोमल पत्तियों को खुरच-खुरच कर खाती हैं, जबकि बड़ी इल्लियां चना की फलियों में गोलाकार छिद्र बना कर दानों को खाती हैं।
👉इन इल्लियों के कारण फसल को गंभीर नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह फली के दानों को खाकर उत्पादन में कमी कर देती हैं।
👉नियंत्रण उपाय:
इल्लियों के प्रकोप से बचने के लिए क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी घटक युक्त रैपिजेन का उपयोग किया जा सकता है। इसे 6 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इस छिड़काव से इल्लियों का प्रभावी नियंत्रण होता है और फसल सुरक्षित रहती है।
👉समय पर छिड़काव करने से इल्लियों के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे फसल की उपज और गुणवत्ता पर सकारात्मक असर पड़ता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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