गुरु ज्ञानAgrostar
चने की फसल में हरी इल्ली का प्रभावी नियंत्रण
👉चना फसल में हरे रंग की इल्लियां फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाती हैं। इनकी लंबाई लगभग 1.25 इंच होती है, जो बाद में भूरे रंग की हो जाती हैं। यह कीट मुख्य रूप से पत्तियों, पुष्पों और फलियों को प्रभावित करता है, लेकिन फली पर इनका प्रकोप सबसे अधिक होता है।
👉छोटी इल्लियां फसल की कोमल पत्तियों को खुरच-खुरचकर खाती हैं। बड़ी इल्लियां चना फलियों में गोलाकार छेद बनाकर अंदर घुस जाती हैं और दानों को खा जाती हैं। इस कारण दानों की गुणवत्ता और उपज दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
👉इस समस्या से बचाव के उपाय:
1. समय-समय पर फसल की निगरानी करें।
2. खेत में उचित अंतराल पर ट्रैप लगाकर कीटों की गतिविधि पर नजर रखें।
3. प्राकृतिक परभक्षी जैसे ट्राईकोग्रामा कीट का उपयोग करें।
4. रासायनिक नियंत्रण के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी का 10 ग्राम प्रति पंप छिड़काव करें।
5. पौधों की बेहतर वृद्धि और फूलों के विकास के लिए स्टेलर 30 मिली प्रति पंप के हिसाब से मिलाकर छिड़काव करें।
👉उपरोक्त उपाय अपनाकर चना फसल को इल्लियों के प्रकोप से बचाया जा सकता है और उपज को बेहतर बनाया जा सकता है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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