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गेहूं की फसल में 'रतुआ' रोग का प्रभावी नियंत्रण
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गेहूं की फसल में 'रतुआ' रोग का प्रभावी नियंत्रण
👉गेहूं की फसल में रतुआ रोग एक प्रमुख समस्या है, जिसे रस्ट, रोली, और गेरुआ जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। रतुआ तीन प्रकार का होता है: पीला रतुआ, भूरा रतुआ और काला रतुआ। पीला रतुआ मुख्य रूप से गेहूं की पत्तियों पर पीली धारियों के रूप में दिखाई देता है, जो धीरे-धीरे पूरे पत्ते को संक्रमित कर देती हैं। बाद में, पीला पाउडर जमीन पर बिखरने लगता है, जो इस रोग का प्रमुख लक्षण है। 👉यह रोग विशेष रूप से तब अधिक प्रभावी होता है जब गेहूं के पौधों में कल्ले निकलने की अवस्था होती है। इससे फसल की वृद्धि रुक जाती है, और अधिक तापमान बढ़ने के साथ पत्तियों पर पीली धारियां काले रंग में बदलकर सूखने लगती हैं। हालांकि, इस रोग का असर मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में कम तापमान के कारण कम होता है। 👉रतुआ के नियंत्रण के लिए, टेबुकोनाज़ोल 10% + सल्फर 65% डब्लूजी घटकयुक्त टेबुल @ 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना अत्यधिक प्रभावी उपाय है। यह उपचार फसल को रतुआ के संक्रमण से बचाने और उसकी वृद्धि को बनाए रखने में मदद करता है। 👉स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
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