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गेहूं की फसल में जड़ माहू प्रकोप के लक्षण और प्रबंधन
👉गेहूं की फसल में कई कीट और रोग हानिकारक होते हैं, लेकिन जड़ माहू कीट फसल को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं। यह कीट पौधों की जड़ों से रस चूसते हैं, जिससे पौधा कमजोर हो जाता है। प्रारंभिक अवस्था में खेत में जगह-जगह पौधे पीले पड़ने लगते हैं। यदि समय पर नियंत्रण न किया जाए, तो पूरा खेत सूखने की संभावना रहती है।
👉जड़ माहू कीट का प्रकोप फसल के विकास को प्रभावित करता है और उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। इस कीट के लक्षण पहचानना बहुत जरूरी है। प्रभावित पौधे का पीला पड़ना और धीरे-धीरे सूखना इसके मुख्य संकेत हैं।
👉नियंत्रण के उपाय
इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए थायोमेथोक्साम 75% एसजी (Thiamethoxam 75% SG) संघटनयुक्त उत्पाद शटर (Shutter) का उपयोग करें। इसकी 100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ खेत में खाद के साथ मिलाकर मिट्टी में प्रयोग करें। यह उपचार कीट के प्रभाव को नियंत्रित करता है और पौधों को स्वस्थ बनाता है।
👉समय पर इस उपाय को अपनाने से गेहूं की फसल को बचाया जा सकता है और अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। कीटों की पहचान और प्रबंधन पर ध्यान देकर किसान फसल को नुकसान से बचा सकते हैं।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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