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गाय पालने से आप जीत सकते हैं 2 लाख💸
👉मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में “प्रदेश की मूल गौ-वंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों के लिये पुरस्कार योजना” लागू की है। 👉इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश-प्रदेश की देशी नस्लों के गौपालन को बढ़ावा देना है। यह 1 से 15 फरवरी तक प्रदेश की मूल और भारतीय उन्नत नस्ल की गायों की प्रतियोगिताएँ होंगी। इसमें 201 जिला स्तरीय पुरस्कार दिये जायेंगे, जो 45 मध्यप्रदेश के मूल गौवंशीय और 156 भारतीय उन्नत नस्ल की गायों के लिए होंगे। इसके अलावा 6 राज्य स्तरीय पुरस्कार भी दिये जाएँगे। 👉भारतीय उन्नत नस्ल गाय प्रतियोगिता सभी 52 जिलों में होगी। अधिक दूध देने वाली गायों के पशुपालकों को पुरस्कार दिया जायेगा। 👉इसमे मध्य प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल प्रतियोगिता 15 जिलों आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी में की जायेगी। 👉प्रदेश की मूल गौवंशी नस्ल-मालवी, निवाड़ी और केनकथा नस्ल गाय का प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 4 लीटर या अधिक और भारतीय गाय का 6 लीटर या उससे अधिक होना चाहिए। इस प्रतियोगिता में भी ज़िला स्तर एवं राज्य स्तर पर प्रथक पुरस्कार दिए जाएँगे। 👉इस प्रतियोगिता में जिला स्तरीय प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार क्रमश: 51 हजार, 21 हजार और 11 हजार रूपये दिया जाएगा । इसी तरह राज्य स्तरीय पुरस्कार भी क्रमश: 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपये का होगा। तीनों पुरस्कार के अलावा शेष प्रतियोगी गायों को प्रमाण-पत्र प्रदान दिए जाएँगे। 👉मध्य प्रदेश की मूल गोवंश में मालवी, निवाड़ी और केनकथा नस्ल की गाय को शामिल किया गया है। मालवी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता जिला आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन और इंदौर, निमाड़ी नस्ल की जिला खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार और केनकथा नस्ल की जिला दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी जिले में होगी। 👉प्रदेश की मूल गौवंशीय और भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की प्रतियोगिता जिलों में अलग-अलग की जायेंगी। इसके लिए मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के किसान भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता के लिए सभी जिलों के विकासखंडों से पशुपालन विभागीय अमला भाग लेने के इच्छुक एवं पात्र पशुपालकों से आवेदन प्राप्त कर जिला स्तर पर उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ को प्रस्तुत करना होगा। अधिक जानकारी के लिए किसान अपने यहाँ के सरकारी पशु चिकित्सालय या ज़िले के पशु पालन विभाग में सम्पर्क कर सकते हैं। स्रोत:- Agrostar, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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