गुरु ज्ञानAgroStar
खीरे की फसल में मोज़ेक वायरस नियंत्रण
👉ककड़ी की फसल में मोजैक एक गंभीर वायरल बीमारी है, जो पत्तियों और फलों पर साफ़ दिखाई देती है। इस रोग के लक्षणों में पत्तियों पर गहरे हरे और हल्के हरे रंग के असमान झाड़-जैसे पैटर्न बनते हैं। इसके साथ ही पौधे की वृद्धि रुक जाती है, फूल कम लगते हैं और फलों की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है, जिससे उत्पादन में भारी नुकसान होता है।
👉यह बीमारी मुख्यतः एफिड (Aphid) नामक रस चूसक कीट द्वारा फैलती है। ये कीट पौधे का रस चूसते हैं और वायरस को एक पौधे से दूसरे पौधे तक फैलाते हैं। इसलिए, इस रोग से बचाव के लिए एफिड पर नियंत्रण जरूरी है।
👉रोकथाम के लिए फसल लगाने के तुरंत बाद खेत में पीले और नीले चिपचिपे ट्रैप (Sticky Traps) का इस्तेमाल करें। इससे एफिड कीट आकर्षित होकर चिपक जाते हैं और उनकी संख्या नियंत्रित रहती है।
👉कीट नियंत्रण के लिए थायमेथोक्साम 25% डब्ल्यूजी घटकयुक्त क्रूजर का उपयोग करें। इसकी 100 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ पानी में मिलाकर अच्छी तरह से छिड़काव करें।
समय पर नियंत्रण से बचाएं फसल को मोजैक वायरस से और पाएं बेहतर उत्पादन!
👉स्त्रोत:- AgroStar
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