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खाद की महंगाई पर किसानों को राहत देगी सरकार!
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खाद की महंगाई पर किसानों को राहत देगी सरकार!
👉🏻फसल सीजन से पहले खाद के दामों में बढ़ोतरी होने वाली है। भारत इस समय खाद की बढ़ती कीमतों से जूझ रहा है। रूस यूक्रेन वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य सहित कई कारण सामने हैं जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद की कीमतों में तेजी ला रहा है। 👉🏻बढ़ी हुई कीमतों के कारण सरकार सब्सिडी बिल को भी आगे बढ़ा रही है। उर्वरकों की बढ़ती हुई महंगाई के कारण लागत में बढ़ोतरी आएगी। हालांकि सूत्रों का दावा है कि सरकार किसानों पर इसका बोझ डालने वाली नहीं है। सरकार का प्रयास है कि किसानों को उचित कीमतों पर यूरिया और डीएपी जैसी जरूरी उर्वरक आसानी से उपलब्ध हो सके। विदेश में भी महंगी:- 👉🏻एक समाचार एजेंसी के अनुसार अमेरिका, ब्राजील, पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में यूरिया डायअमोनियम फास्फेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ़ पोटाश (एमओपी) बहुत अधिक महंगे दामों में बिक रही है। भारत में 50 किलो वाली यूरिया की एक बोरी की कीमत 266.70 पैसे की है। लेकिन यही 50 किलो की बोरी पाकिस्तान में 791 रुपए की मिल रही है। जबकि इंडोनेशिया में इतने ही वजन कि यूरिया 593 रुपए की दर पर बिक रही है। वहीं बांग्लादेश में भी यूरिया की बोरी की कीमत 719 बताई जा रही है। 70 लाख मीट्रिक टन का है स्टॉक:- 👉🏻सूत्रों का दावा है कि अगर खाद की कीमत में इसी तरह तेजी आती रही, तो इस वित्तीय वर्ष में इनकी खरीद की लागत 2 लाख करोड रुपए तक जा सकती है। जबकी बढ़ी हुई कीमतों का वहन सरकार कर रही है। किसानों पर बोझ न पड़े इसके लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। किसानों को खाद में सब्सिडी दी जा रही है वहीं एक अन्य सूत्र ने कहा है कि रूस और ईरान में लगाए गए प्रतिबंध खाद की कीमतों में उछाल आने का मुख्य कारण है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने 30 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 70 लाख मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक किया हुआ है। सरकार पर पड़ेगा आर्थिक बोझ:- 👉🏻रूस यूक्रेन वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण उत्पन्न हुई समस्याएं के साथ भारत अन्य खाद आयत विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। भारत में उर्वरकों पर सब्सिडी दी जाती है। सरकार खाद की लागत का बड़ा हिस्सा वहन करती है। उम्मीद की जा रही है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमत में वृद्धि के कारण सब्सिडी का बोझ दोगुना हो जाएगा। हाल के वर्षों में सब्सिडी 80 हजार से 90 हजार करोड़ रुपए के बीच पहुंच सकती है। सरकारी सूत्रों के अनुसार वित्तीय वर्ष में लगभग खाद की सब्सिडी 2 लाख करोड़ होने की उम्मीद है। स्त्रोत- Agrostar, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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