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फलों का प्रसंस्करणएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
केला प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (वेफर्स) तैयार करने के लिए
भारत में कुल उत्पादन केले का 90% से अधिक ताजे फल के रूप में सेवन किया जाता है। कुल केले के उत्पादन का लगभग 4 से 5 प्रतिशत ही केले पर प्रसंस्कृत की जाता है। केला एक बहुत जल्दी खराब होने वाला फल है और पकने के बाद केवल 5-6 दिनों के लिए अच्छा रहता है। इसलिए आपके पास अतिरिक्त केले उत्पादन से टिकाऊ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ बनाने की बहुत बड़ी क्षमता है। अधिकांश केला प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को बहुत महंगी मशीनरी और अधिक निवेश की आवश्यकता नहीं होती है। अधिकांश केले प्रसंस्करण उद्योगों को लघु उद्योगों के रूप में शुरू किया जा सकता है। 1) पूरे उगे हुए कच्चे केले का चयन करें और इसे साफ पानी से धो लें। 2) स्टेनलेस स्टील के चाकू से केले के छिलके को निकाल कर मशीन की सहायता से या चाकू की सहायता से ०.३ से ०.५ सें.मी.आकार काट कर तैयार करे । 3) फिर इन काटे हुए भागो को ०.१% साइट्रिक एसिड के घोल में १५ से २० मिनिट डुबोएं। यह गोलाकार केले के भाग काले ना होकर सफेद रहते है। 4) फिर गोलाकार केले के भाग को 4 से 5 मिनट के लिए उबलते पानी में डुबोएं, प्रति किलो गोलाकार भाग को ४ ग्राम के अनुसार सल्फर का धुँवा दे । 5) तैयार गोलाकार भाग को गर्मी या ड्रायर में सुखाएं। ड्रायर का तापमान 50 से 55 सेल्सियस रखे 6) यदि गोलाकार भाग को हाथ से दबाकर तुरंत टूट जाता है, तो उन्हें तैयार माना जाता है। 7) तैयार वेफर्स का इस्तेमाल आलू के वेफर्स की तरह तलने के लिए किया जा सकता है। • संदर्भ - एगोस्टार एग्रोनॉमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगती है, तो फोटो के नीचे पीले अंगूठे के आइकन पर क्लिक करें और नीचे दिए गए विकल्प के माध्यम से अपने सभी कृषक मित्रों के साथ साझा करें!
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