कृषि वार्ताAgrostar
कृषि विज्ञान केंद्रों से मिलेगा प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण!
👉🏻किसान भाइयों उत्तर प्रदेश में मिशन प्राकृतिक खेती के जरिए हर गांव में जैविक कृषि कराने की तैयारी है। इस खेती में कई खूबियां हैं, लागत कम और अधिक उत्पादन। और साथ ही उत्पाद के बेहतर दाम। साथ में पर्यावरण और लोगों की सेहत सुरक्षित रहेगी।
👉🏻संयुक्त कृषि निदेशक आरके सिंह का कहना है कि जैविक खेती में केंचुआ खाद, गाय का गोबर, मूत्र और अन्य उत्पादों से बने उर्वरकों व कीटनाशकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए उसके उत्पादों को सही दाम दिलाना भी जरूरी है।
👉🏻सरकार इन बिंदुओं पर काम कर रही है। अब प्रदेश के लाखों किसानों के हित में इस प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा।
👉🏻जैविक खेती के लिए किसानों के प्रशिक्षण और प्रदर्शन पर विशेष जोर है। इसी क्रम में पिछले दो वर्षों में दो लाख 25 हजार 691 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। अब प्रदेश में कृषि व प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयों की ओर से 83.185 एकड़ में प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन कराया गया है। इसके अलावा राज्य कृषि प्रबंध संस्थान रहमान खेड़ा में भी प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन हुआ है।
👉🏻जैविक खेती में गाय के गोबर, मूत्र, सींग से बनी खाद और कीटनाशकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए प्रदेश के चार कृषि विश्वविद्यालयों और 20 कृषि विज्ञान केंद्रों पर गौ आधारित खेती का प्रदर्शन कराया गया है। अब इसे और रफ्तार दी जाएगी।
स्त्रोत- Agrostar,
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