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कपास की फसल में गैप फिलिंग और थिन्निंग का महत्व!
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
कपास की फसल में गैप फिलिंग और थिन्निंग का महत्व!
प्रिय किसान भाइयों हम सभी जानते हैं की, कपास की बुवाई करने के 10 बाद हमारी फसल में कुछ बीज उगते हैं और कुछ नहीं। इनके न उगने के अनेक कारण हो सकते हैं। जैसे की बीज का सड़ जाना, बीज की गहराई में बुवाई करना, किसी कीट के द्वारा बीज को खा लेना या पर्याप्त नमी का न मिलना आदि। हमारे खेत में खाली स्थान न रहे और हमें अधिक उत्पादन मिले तो सही समय पर गैप फिलिन करनी चाहिए। कपास की फसल में गैप फिलिंग का मतलब है की कतारों में पौधों के बीच की दूरी एक सामान होना। यह कार्य फसल लगाने के 10 दिन बाद किया जाता है। फसल लगाने के बाद कुछ बीज उगते नहीं और कुछ उगने के बाद मर जाते है। इसी रिक्त स्थान को भरने की प्रक्रिया को गैप फिलिंग कहते है। ऐसा करने से पौधों के बीच की दूरी एक सामान रहती है। जिससे किसान भाइयों को उत्पादन अच्छा मिलता है। किसान भाइयों इसी प्रकार यदि बुवाई के समय आप एक साथ एक ही स्थान पर एक से अधिक बीज की बुवाई करते हैं तो एक ही जगह पर अधिक पौधे उग आते हैं। अगर इन पौधों को समय रहते न निकाला जाये तो इसका सीधा प्रभाव हमारे उत्पादन के ऊपर पड़ता है। समय रहते हमे यह कार्य भी करना चाहिए। इस क्रिया को थिन्निंग कहा जाता है। कपास की फसल में थिन्निंग बुवाई के 15 दिन बाद की जाती है। जिस स्थान पर किसान भाई बुवाई करते समय 2 से 3 बीज लगाते है उन पौधों में से स्वस्थ पौधे को छोड़कर बांकी के पौधों की निकाला दिया जाता है। जिससे पौधों को सही मात्रा में खाद और उर्वरक प्राप्त होते है, और पौधों की उचित वृद्धि होती है।
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