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उर्वरकों की दक्षता बढ़ाने हेतु आवश्यक कदम।
👉उर्वरकों का उपयोग फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक है, लेकिन सही तरीके से उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
1. उर्वरकों का सही समय और स्थान:
- उर्वरकों को सीधे जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए।
- उर्वरक तभी डालें जब मिट्टी में पर्याप्त नमी हो।
- रोपण के समय उर्वरक बीज के नीचे लगाना चाहिए।
- फसल की वृद्धि के संवेदनशील चरणों में उर्वरकों का उपयोग करें।
2. तरल उर्वरकों का उपयोग:
- सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से तरल उर्वरकों का प्रयोग करें।
3. उर्वरकों का अनुपात:
- अनाज वाली फसलों के लिए 4:2:2:1 (नाइट्रोजन: फास्फोरस: पोटाश: सल्फर) का अनुपात अपनाएं।
- दालों के लिए 1:2:1:1 का अनुपात उपयोग करें।
4. जैविक उर्वरकों का महत्व:
- नियमित जैविक उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच बनाए रखने में मदद करता है।
- कम्पोस्ट जैसे जैविक खाद का उपयोग मृदा संरक्षण और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को बढ़ाता है और रासायनिक उर्वरकों को पौधों के लिए उपयुक्त रूप में परिवर्तित करता है।
👉इन उपायों को अपनाने से मृदा की गुणवत्ता में सुधार होगा और फसल उत्पादन बेहतर होगा।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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