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इन यंत्रों से करें काम लागत और समय दोनों की होगी बचत!
कृषि वार्ताAgroStar
इन यंत्रों से करें काम लागत और समय दोनों की होगी बचत!
👉कोई भी फसल हो कटाई में बहुत अधिक समय एवं मजदूरी का खर्च होता है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए मसीनो का प्रयोग किया जा सकता है. कुछ यांत्रिक विधि से कटाई के पश्चात फसल अवशेष रह जाते हैं, जिनके प्रबंधन के लिए भी मशीनों का निर्माण किया गया है. 👉फसल की कटाई एवं फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विभिन्न ट्रैक्टर एवं स्वचालित मशीनों जैसे स्वचालित वरटिकल कनवेयर रीपर, बैठकर चलाने वाला स्वचालित रीपर, ट्रैक्टर चलित वरटिकल कनवेयर रीपर, स्वचालित कम्बाइन हार्वेस्टर, स्वचालित कटाई सह बंधाई यंत्र, भूसा कम्बाईन, ट्रैक्टर चलित स्लेशर तथा स्ट्रॉ बेलर आदि का विकास किया गया है. इन यंत्रों द्वारा कम समय में अधिक कार्य संपन्न किया जा सकता है तथा इनसे कार्य करने का व्यय हंसिये से कटाई की तुलना में कम आता है. किसानों के लिए उपयोगी कुछ यंत्रों का संक्षिप्त विवरण निम्नवत है- 👉स्वचालित वरटिकल कनवेयर रीपर:- यह फसल कटाई के लिए प्रयोग में लायी जाने वाली एक इंजन चालित मशीन है. इस मशीन को चलाने के लिए चालक को पीछे पैदल चलना पड़ता है. . 👉बैठकर चलाने वाला स्वचालित रीपर:- बैठकर चलाने वाला स्वचालित रीपर एक स्वचालित मशीन है, जिस पर चालक के लिए सीट लगी होती है. इस मशीन में दो बड़े हवा युक्त पहिये लगे होते हैं. इसका संचालन पिछले धुरे द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इस मशीन को संचालित करने के लिए लगभग 6 एचपी का डीज़ल इंजन लगा होता है. 👉ट्रैक्टर चलित वरटिकल कनवेयर रीपर:- यह एक ट्रेक्टर चलित कटाई यंत्र है. इस मशीन को ट्रैक्टर के सामने लगाया जाता है और इसे ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. द्वारा कपलिंग शाफ्ट एवं मध्यवर्ती शाफ्ट के माध्यम से चलाया जाता है. जमीन के ऊपर मशीन की ऊंचाई घिरनी एवं स्टील रस्सी की सहायता से ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक द्वारा नियंत्रित की जाती है. कत्तई पट्टी द्वारा फ़सल कि कटाई के बाद फ़सल को लग्ड़ कनवेयर पट्टी कि सहायता से ऊर्ध्वाधर स्थिति मे मशीन के एक तरफ ले जाया जाता है. 👉स्वचालित कम्बाइन हार्वेस्टर:- स्वचालित कम्बाईन हार्वेस्टर मे कटाई इकाई, गहाई इकाई और सफाई एवं अनाज संचालन इकाई लगी होती है. कटाई इकाई मे घिरनी, कटाई पट्टी, बरमा और फीडर कनवेयर शामिल होते है. गहाई इकाई मे गहाई सिलेंडर, अवतल और सिलेंडर बीटर लगे होते है. सफाई इकाई मे मुख्यतः चलने वाला, काटने वाला छलनी और दाने इकट्ठा करने हेतु अनाज कड़ाही आदि लगे होते है. अनाज संचालन इकाई मे अनाज एलिवेटर और बहाव बरमा लगे होते है. 👉भूसा कंबाइन:- भूसा कम्बाईन को ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. द्वारा चलाया जाता है जिसमे कटाई पट्टी, घिरनी, फिडिंग बरमा और पारंपारिक गहाई जैसा ब्रशिंग सिलेन्डर लगा होता है. इस मशीन द्वारा अनाज कम्बाइन के परिचालन उपरांत फ़सल की बची हुई खूंटी एवं फेके गए पुआल को एकत्रित कर मशीन के अवतल सिलेन्डर इकाई मे भेजा जाता है, 👉स्वचालित कटाई सह बंधाई यंत्र:- स्वचालित कटाई सह बंधाई यंत्र फ़सल कटाई के साथ-साथ धागे की मदत से उसके गठ्ठर भी तैयार करती है. इस मशीन में दो बड़े एवं एक छोटा हवायुक्त पहिये लगे होते हैं. इसका संचालन पिछले पहिये द्वारा नियंत्रित किया जाता है. इस मशीन को संचालित करने के लिए लगभग 10 अश्व शक्ति का डीज़ल इंजन लगा होता है. इस मशीन मे क्लच, ब्रेक, स्टेयरिंग प्रणाली और शक्ति संप्रेषण प्रणाली लगी हुयी है जो मशीन को आसानी से चलाने मे मदद करते है.यह यंत्र कम लागत मे बहुत कम दानो की क्षति के साथ-साथ 100 प्रतिशत भूसे की प्राप्ति सुनिश्चित करता है. 👉स्ट्रॉ बेलर:- स्ट्रॉ बेलर एक ट्रैक्टर चलित यंत्र है. इसे ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. द्वारा चलाया जाता है जिसमे घिरनी प्रकार कि स्ट्रॉ (फसल अवशेष) उठाने वाली असेम्बली और स्ट्रॉ को संघनन कर बांधने कि इकाई होती है. यह स्वचालित रूप से घिरनी कि मदद से क्षेत्र मे से स्ट्रॉ को उठाकर फीडर की मदद से बेल कक्ष मे स्थानांतरित करता है तत्पश्चात रेसिप्रोकेटिंग रैम कि सहायता से फसल अवशेष को दबाकर संकुचित करता है। 👉स्त्रोत:-AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।
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