कृषि वार्ताTV 9 Hindi
इजराइल की मदद से किसानों की आय बढ़ाएगी एमपी सरकार!
👉🏻बागवानी फसलों के जरिए किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश में मध्य प्रदेश सरकार जुट गई है. भारत-इजरायल कृषि परियोजना के तहत यहां बागवानी के दो प्रोजेक्ट तैयार होंगे. छिंदवाड़ा में संतरा और मुरैना में सब्जियों का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा. इससे यहां के किसानों को फायदा होगा. वे आधुनिक तरीके से कम जगह में ज्यादा और अच्छा उत्पादन लेने की विधि सीख पाएंगे. इस संबंध में पिछले दिनों इजराइल के काउंसलेट जनरल कोबी शोशानी ने मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि इजराइल का भारत में 29 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में से दो को मध्य प्रदेश में स्थापित करने का प्रस्ताव है।
👉🏻इजराइल में एक पखवाड़े के विशेष पाठ्यक्रम में मध्य प्रदेश के कृषि और बागवानी विभाग के अधिकारी लाभान्वित किए जाएंगे. शोशानी ने मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र में हुए विकास की सराहना की. उन्होंने कृषि सहित सिंचाई, उद्योग, व्यापार-वाणिज्य क्षेत्रों में इजराइल द्वारा पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया. चौहान ने इजराइल द्वारा प्रदेश के 2 जिलों छिंदवाड़ा और मुरैना में संतरे एवं सब्जी उत्पादन के प्रकल्प से जुड़ने के पहल की प्रशंसा की. सिंचाई क्षेत्र में भारत और इजराइल द्वारा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में जल परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है. विशेष रूप से दोनों देश जल प्रबंधन के अन्य संभावित क्षेत्रों में सहयोग के लिए प्रयासरत हैं।
खेती-किसानी के क्षेत्र में एक साथ काम कर रहे हैं दोनों देश:-
👉🏻मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केन-बेतवा परियोजना के क्रियान्वयन से बुंदेलखंड क्षेत्र का कायाकल्प होगा. प्रधानमंत्री मोदी के ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के सिद्धांत और इजरायल की कृषि शैली से मध्य प्रदेश प्रेरित है. बता दें कि भारत-इजरायल कृषि परियोजना के तहत दोनों देश खेती-किसानी के क्षेत्र में एक साथ काम कर रहे हैं, जिसका परिणाम हरियाणा जैसे राज्यों में काफी अच्छा दिखाई दे रहा है. इजराइल की तकनीक से स्थापित सेंटर बहुत सफल रहे हैं. ये उत्कृष्टता केंद्र किसानों की इनकम डबल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
बागवानी में कहां है मध्य प्रदेश:-
👉🏻मध्य प्रदेश सरकार गेहूं, धान जैसी पारंपरिक फसलों की बजाय बागवानी पर फोकस कर रही है. प्रदेश में इस समय 23.43 लाख हेक्टेयर में बागवानी फसलें (Horticulture Crops) पैदा हो रही हैं. जबकि वर्ष 2006 में इसका कुल रकबा सिर्फ 4.69 लाख हेक्टेयर था. बागवानी फसलों के क्षेत्रफल का विस्तार हुआ है तो उसका असर उत्पादन पर भी साफ दिखाई दे रहा है. इस समय सूबे में बागवानी फसलों की 340 लाख मीट्रिक टन से अधिक पैदावार है. जबकि 2006 में 43 लाख मिट्रिक टन ही था. राज्य सरकार का दावा है कि मध्य प्रदेश सब्जी, फल, फूल और मसाला उत्पादन में देश के पहले 5 राज्यों में शामिल है।
स्रोत:- TV 9 Hindi,
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