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आलू बीज उपचार प्रक्रिया
👉यदि आप आलू बोने की योजना बना रहे हैं, तो प्रारंभिक अवस्था में अच्छे अंकुरण के लिए आवश्यक है कि आप बीज को रस चूसने वाले कीट, मिट्टी के कीट और फफूंद जनित रोगों से सुरक्षित रखें। बीज उपचार के माध्यम से आप स्वस्थ और मजबूत पौधों की शुरुआत कर सकते हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
👉बीज का उपचार करने के लिए, आप मेटालैक्सिल 8% + मैनकोजेब 64% WP युक्त मेटलग्रो कवकनाशी का उपयोग कर सकते हैं। इसकी मात्रा 3 ग्राम प्रति लीटर पानी होनी चाहिए। यह कवकनाशी मिट्टी में मौजूद फफूंद जनित रोगों से प्रभावी सुरक्षा प्रदान करता है।
👉इसके अलावा, थिमेथोक्साम 75% एसजी युक्त शटर कीटनाशक का उपयोग भी आवश्यक है, जिसकी मात्रा 1 ग्राम प्रति लीटर पानी होनी चाहिए। यह कीटनाशक रस चूसने वाले कीटों के खिलाफ प्रभावी है, जो आलू के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
👉अंत में, 13:00:45 का उपयोग करके भी बीज का उपचार करें। इसकी मात्रा 10 ग्राम प्रति लीटर पानी होनी चाहिए। यह पोषण प्रदान करके अंकुरण में मदद करता है।
👉इन सभी उपचारों को मिलाकर आलू के कंद को उपचारित करें। इस प्रक्रिया से आपको स्वस्थ और उच्च गुणवत्ता वाले आलू के पौधे प्राप्त होंगे, जो अंततः उत्पादन में वृद्धि करेंगे। इस प्रकार, सही बीज उपचार से आलू की खेती में सफलता सुनिश्चित की जा सकती है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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