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आलू की फसल में मिट्टी चढाने के फायदे
👉मिट्टी चढ़ाने का मतलब है कि आलू के पौधे के जड़ क्षेत्र के चारों ओर मिट्टी का ढेर लगाना। यह एक महत्वपूर्ण उत्पादन पद्धति है जो आलू की उपज को बढ़ाने में सहायक होती है। मिट्टी चढ़ाने का काम दो बार किया जाना चाहिए: पहली बार पौधों के पूरी तरह उगने के दो सप्ताह बाद और दूसरी बार छठे सप्ताह या 45 दिन बाद।
👉मिट्टी चढ़ाने के फायदे:
1. उपज में वृद्धि:
मिट्टी चढ़ाने से जमीन के ऊपर पाए जाने वाले स्टोलन मिट्टी से अच्छी तरह ढक जाते हैं, जो नए कंदों के बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करता है। इससे उपज में दोगुनी या तिगुनी वृद्धि हो सकती है।
2. मृदा संरचना में सुधार:
यह प्रक्रिया मृदा के वातन को बढ़ावा देती है और मिट्टी में गैसीय घटकों के आदान-प्रदान की अनुमति देती है। जड़ क्षेत्र में जल के प्रवेश में भी सुधार होता है, जिससे कंद का विस्तार आसानी से हो पाता है।
3. कंद के हरेपन को रोकना:
मिट्टी चढ़ाने से अंधकारमय स्थिति बनती है, जो कंद की वृद्धि के लिए आदर्श होती है और उन्हें प्रकाश के संपर्क से हरे होने से बचाती है।
4. कीट नियंत्रण:
यह मिट्टी में रहने वाले कीटों को सूर्य के प्रकाश में लाकर उनकी आबादी को कम करने में मदद करता है।
5. खरपतवार नियंत्रण:
मिट्टी चढ़ाने के दौरान किसान को खरपतवारों को हटाने का भी मौका मिलता है।
👉मिट्टी चढ़ाते समय जड़ों को नुकसान न पहुंचे, इसका ध्यान रखना चाहिए, अन्यथा पौधे की मृत्यु हो सकती है।
👉स्त्रोत:- AgroStar
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