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आलू की खेती की जानकारी
👉आलू की फसल ठंडे मौसम में बेहतर होती है, इसलिए इसकी रोपाई सितम्बर के आखिरी सप्ताह से लेकर नवम्बर के अंत तक की जानी चाहिए। इसके लिए मध्यम और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी का चयन आवश्यक है ताकि पौधे का विकास सही हो सके। तने और कंद के अच्छे विकास और उच्च उत्पादन के लिए बेड तैयार करके रोपण किया जाना चाहिए। इससे न केवल उपज बढ़ती है बल्कि मिट्टी में हवा का संचलन भी बेहतर होता है।
👉बाजार की मांग के अनुसार उपयुक्त किस्मों का चयन करना बेहद जरूरी है। यदि प्रसंस्करण उद्योग के लिए आलू की खेती की जानी है, तो कुफरी चिप्सोना 1, कुफरी चिप्सोना 2, कुफरी हिमसोना, कुफरी फ्रायसोना, लेडी रोसेटा, सैन्टाना, सर्फ़ोमेरा जैसी किस्मों का चयन किया जा सकता है। ये किस्में प्रसंस्करण उद्योग के लिए उपयुक्त होती हैं और उच्च गुणवत्ता वाले चिप्स और फ्राई बनाने में मददगार होती हैं।
👉यदि आलू को ताजा सब्जी के रूप में उपयोग करना हो, तो कुफरी बादशाह, कुफरी अगेती, कुफरी पुखराज, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी ज्योति और कुफरी लालिमा जैसी किस्में बेहतर होती हैं। इन किस्मों में रोगों का प्रतिरोध और उपज अच्छी होती है, जिससे किसानों को बेहतर लाभ मिल सकता है।
👉रोपाई के लिए प्रति एकड़ 500 से 700 किलोग्राम स्वस्थ और प्रमाणित बीज का उपयोग करना चाहिए। सही किस्म और तकनीक से आलू की खेती करने से उत्पादन में वृद्धि होती है और किसानों को अच्छा लाभ प्राप्त होता है।
🌿स्त्रोत:- AgroStar
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