AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
 आर्द्रगलन रोग का नियंत्रण और उपाय!
गुरु ज्ञानAgroStar
आर्द्रगलन रोग का नियंत्रण और उपाय!
🌱आर्द्र गलन रोग के पौधों पर लक्षण :- ●इस रोग का प्रकोप फसल पर पर दो तरह से होता है| पहला पौधे का जमीन में बाहर निकलने से पहले एवं दूसरा जमीन की सतह पर स्थित तने का भाग काला पडकर गिर जाता है और बाद में पौधा सूख जाता है | यदि वातावरण में अधिक आर्द्रता होती है तो यह रोग ज्यादा बढ़ता है | ●आद्र गलन रोग से पौधों के तने गलने लगते हैं। ●इस रोग से ग्रषित पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं। ●आद्र गलन से पौधों के तने पतले होने लग जाते हैं। ●पौधों के पत्ते मुरझाने लगते हैं। ●इस रोग की समस्या ज्यादा होने पर पौधों की पत्तिया पीली हो कर सूखने लगती हैं। ●पौधे जमीन या मिट्टी के ऊपर गिरने लग जाते हैं या फिर लेटे हुए नजर आते हैं। ●प्रभावित हुए पौधों पर या मिट्टी की सतह पर सफ़ेद रंग के कवक या फंगस दिखाई देते हैं। ●रोपाई के दौरान जब पौधे घनी मात्रा में निकलते हैं तो यह बीमारी अधिक तीव्रता से फैलती है। 🌱नियंत्रण:- इसके नियंत्रण के लिए आप आपकी की फ़सल में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड घटक युक्त कूपर 1 या फिर साथ में थायोफैनेट मिथाइल 70% WP घटक युक्त टीएमटी 70@ 500 ग्राम प्रति एकड़ @ 500 ग्राम प्रति एकड़ ड्रेंचिंग के माध्यम से दीजिये। 🌱स्त्रोत:-AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद।
2
0
अन्य लेख