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PM मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का उठायें लाभ!
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PM मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का उठायें लाभ!
✅ देश में किसानों की आय बढ़ाने एवं रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। मत्स्य संपदा के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र की उप-योजना “प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई)” को मंजूरी दे दी है। सरकार योजना के तहत कुल 6,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।योजना को 2023-24 से 2026-27 तक अगले चार वर्षों के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा।  ✅ क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक बनाना और मत्स्य पालन से जुड़े सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को समर्थन देना है। फिशरीज सेक्टर में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बावजूद इस क्षेत्र में कई क्षेत्रीय चुनौतियां महसूस की जा रही हैं। फसल जोखिम, कार्य आधारित पहचान की कमी, लोन तक पहुंच ना होना, छोटी और माइक्रो यूनिट द्वारा बेची जाने वाली मछलियों की सुरक्षा और गुणवत्ता बरकरार रखना जैसे मुद्दों को नई प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना के लक्ष्य छह हजार करोड़ रुपये से दूर किया जाएगा। ✅ प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का फायदा किसे मिलेगा? योजना का लाभ मछुआरे, मछली (जलीय कृषि) किसान, मछली श्रमिक, मछली विक्रेता या ऐसे अन्य व्यक्ति जो सीधे मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला से जुड़े हुए लोगों को होगा। इसके साथ ही प्रॉपराइटरी फर्मों, साझेदारी फर्मों और भारत में पंजीकृत कंपनियों, समितियां, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), सहकारी समितियों, संघों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), मछली किसान उत्पादक संगठनों (एफएफपीओ) जैसे ग्राम स्तरीय संगठनों के रूप में सूक्ष्म और लघु उद्यम और मत्स्य पालन व जलीय कृषि मूल्य श्रृंखला में लगे स्टार्टअप, किसान उत्पादक संगठनों FPO को योजना का लाभ मिलेगा। ➡ 40 लाख स्मॉल और माइक्रो यूनिट को पहचान देने के लिए नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जाएगा। ➡ 6.4 लाख माइक्रो और 5,500 मत्स्य पालन सहकारी समितियों तक लोन की सुविधा पहुंचाई जाएगी। ➡ गुणवत्ता वाली मछली उत्पादन पर जोर दिया जाएगा, ➡ पर्यावरण और स्थिरता की पहल को बढ़ावा दिया जाएगा। ➡ व्यवसाय करने में आसानी और पारदर्शिता की सुविधा दी जाएगी। ➡ एक्वा कल्चर के लिए बीमा कवरेज की मदद से बीमारी पर रोकथाम लगाई जाएगी। ➡ वैल्यू एडेड के माध्यम से सीफूड एक्सपोर्ट को बाजार में मजबूत किया जाएगा। ➡  घरेलू बाजार में मछली और उससे बने प्रोडक्ट की गुणवत्ता में सुधार लाना। ➡ घरेलू बाजारों को मजबूत किया जाएगा, कारोबार का डपलवमेंट। ➡नौकरियों के रास्ते खोलना और कारोबार को आसान बनाया जाएगा। ➡ कारोबार वाली जगह पर महिलाओं को सुरक्षा दी जाएगी। ➡ 75,000 महिलाओं को रोजगार देने पर विशेष जोर के साथ इसमें 1.7 लाख नई नौकरियां सृजित होने का अनुमान है और इसका लक्ष्य सूक्ष्म एवं लघु उद्यम मूल्य श्रृंखला में 5.4 लाख निरंतर जारी रहने वाले रोजगार के अवसर पैदा करना भी है। ✅ मछली पालन में बिजनेस शुरू करने के लिए दिया जाएगा अनुदान ➡ सामान्य श्रेणी में सूक्ष्म उद्यम के लिए प्रदर्शन अनुदान कुल निवेश का 25 प्रतिशत या 35 लाख रुपये। ➡ एससी, एसटी और महिलाओं के स्वामित्व वाले सूक्ष्म उद्यमों के लिए कुल निवेश का 35 प्रतिशत या 45 लाख रुपये। ➡ ग्राम स्तरीय संगठनों और एसएचजी, एफएफपीओ और सहकारी समितियों के संघों के लिए प्रदर्शन अनुदान कुल निवेश का 35 प्रतिशत या 200 लाख रुपये। ✅स्त्रोत:- AgroStar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट 💬करके ज़रूर बताएं और लाइक 👍एवं शेयर करें धन्यवाद।
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