AgroStar
सभी फसलें
कृषि ज्ञान
कृषि चर्चा
अॅग्री दुकान
अरहर-उकठा रोग समस्या
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
अरहर-उकठा रोग समस्या
आनेवाले मौसम में, अरहर में उकठा रोग सबसे अधिक देखा जाएगा। उकठा रोग का मुख्य कारण है बारिश के कारण अधिक पानी और बाद में अचानक सूखी हुई जमीन। साथ ही भाद्रपद महीने में गरमी बढ़ने के कारण अरहर के पौधे सूखने की समस्या होती है। सामान्य तौर पर निचले पत्ते पीले पड़ना, बाद में धीरे-धीरे पूरा पौधा सूख जाना या अचानक सभी पत्ते हरे पर सूखे हुए दिखाई देना, जैसे लक्षण मालुम पड़ते हैं।
हालांकि अरहर जून में बोया जाता है, पर इसका पुष्पन इसी समय के आसपास होता है जिससे उकठा रोग एक गंभीर समस्या बन जाता है और यह उत्पादन को भी प्रभावित करता है। अगर खेत के किसी विशेष क्षेत्र में ऐसे पौधे देखे जाएं तो, सारे खेत में इस रोग की व्यवस्था करनी चाहिए। यदि उकठा रोग का नियंत्रण उचित समय पर न किया गया तो प्रति एकड़ पौधों की संख्या तेज़ी से घटने की सम्भावना है और अपेक्षित उपज प्राप्त करना मुश्किल है । उकठा रोग का नियंत्रण करने के कुछ उपाय यहाँ देखेंगे 1. एहतियाती उपाय के रूप में, रोपण के समय बीज उपचार किया जाना चाहिए। 2. खेत में सभी खरपतवार फावड़े की सहायता से अथवा श्रमिकों से उखाड़े जाने चाहिए। जिससे मिट्टी भुरभुरी होगी और सफ़ेद जड़ों का विकास होगा। 3. जब बारिश कम हो तब, कवकनाशी मिश्रण ट्राइकोडर्मा + स्यूडोमोनास को मिलाकर 1 किग्रा/एकर देना चाहिए। इसका उपयोग करते समय, मिट्टी में नमी होना जरूरी है। इसका अच्छी तरह से उपयोग करने के लिए, 2 कटोरी गोबर खाद या कृमि खाद में मिलाकर इस मिश्रण को अरहर के पौधों के पास रंगोली की तरह समान रूप से फैलाएँ। 4. श्रावण में बारिश कम होते ही मिट्टी में कवकनाशी का उपयोग करें। कॉपर-ऑक्सि-क्लोराइड 1 किलो /एकड़ या साफ 500 ग्राम/एकड़ या रिडोमिल 500 ग्राम/एकड़ उर्वरकों के साथ या पम्प में भिगोकर देना चाहिए। 5. ऊपर दिए हुए किसी भी उपचार के बाद वापसा स्थिति को बनाए रखने के लिए अरहर के पौधों को संरक्षक पानी देना ज़रूरी है। अरहर और अन्य फसलों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, एग्रोस्टार के टोल फ्री नंबर 1800 3002 6120 पर एक मिस्ड कॉल दें।
125
7