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अनार - आम बहार में पोषकतत्वोंं की व्यवस्था
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
अनार - आम बहार में पोषकतत्वोंं की व्यवस्था
अनार की फसल हल्की जमीन और शुष्क क्षेत्रों में ली जाती है, इसलिए बेहतर वृद्धि के लिए फसल को अधिकतम पोषण देना महत्वपूर्ण है। यह फसल नाइट्रोजन और पोटाश उर्वरकों को अच्छी प्रतिक्रिया देती है। यदि कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, झिंक, लोहा, बोरान और कॉपर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का उपयोग करने पर अच्छी गुणवत्ता वाले फल का उत्पादन होता है।आम तौर पर, सभी कवकनाशी कॉपरयुक्त होते है इसलिए इसे अलग से देने की कोई जरूरत नहीं होती। मैंगनीज, झिंक, बोरान और कॉपर का छिड़काव मिट्टी में देने के बजाय पत्तों पर ज्यादा प्रभावी होता है, इसके अलावा, इनका दर भी उचित है। चिलेटड रूप में केवल लोह को जमीन से देना अधिक प्रभावी होता है।
- सबसे पहले, जमीन में आड़ी और तिरछी जुताई करें और पेड़ के पासवाली भूमि को अच्छी तरह से साफ़ करें। - मिट्टी परीक्षण के बाद, अनार के पेड़ की आयु के अनुसार रासायनिक उर्वरकों और फसल पोषक तत्वों का उपयोग करें। - चूना पत्थर की भूमि में कैल्शियमयुक्त उर्वरक जैसे जिप्सम, कैल्शियम क्लोराइड, कैल्शियम नाइट्रेट आदि का उपयोग न करे। - रासायनिक उर्वरकों का अधिक उपयोग न करें, इससे अनार रोग से अधिक प्रभावित हो सकता है और जमीन का स्वास्थ बिगड सकता है। - फलों की छंटाई के बाद पेड़ के पास, ड्रिप सिंचाई से जहाँ पानी गिरता हो वहाँ एक गड्डा बनाकर देखना चाहिए कि जड़ों पर गाँठ है या नहीं । यदि गाँठ है तो उसे कुदाल से बहार निकालें और उसमे 20 किलो गोबर खाद, 1 किलो मुर्गी खाद, 1 किलो नीम केक, 100 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम 10:26:26, 100 ग्राम पोटाश और 15 ग्राम फोरेट भर दें। अगर जमीन पथरीली हो तो मुर्गी खाद ना डाले। ड्रिप सिंचाई होती है तो 8 से 10 घंटे पानी देना चाहिए। - आराम के दौरान , डंडी मजबूत होने के लिए 5 से 10 ग्राम 00:52:34 और 5 मि.ली.सूक्ष्म पोषक तत्व प्रति लीटर पानी का 4 से 5 बार छिडकाव करना चाहिए। - उर्वरक देने के बाद, बगीचे में से गीली घास को पेड़ के तने के पास डालकर प्राकृतिक मल्चिंग कर दें । एक बार जब उर्वरक की आवश्यकता समझने के बाद, फर्टीगेशन की तकनीकों को उनके संबंधित स्थानों पर घुलनशील उर्वरकों को प्रमाण के अनुसार उपयोग किया जा सकता है। उर्वरकों की पूरी खुराक विभाजित करनी चाहिए और निश्चित पानी के साथ संयोजन में देना चाहिए। अधिकतम उर्वरक विभाजन करके और बार-बार छोटी मात्रा देना अधिक प्रभावी हो सकता है। प्रति पेड़ उर्वरक मात्रा: 1) 1 और 2 : 10:26:26 @150 ग्राम, 18:46:00 @100 ग्राम, पोटाश @150 ग्राम, मैग्नीशियम सल्फेट @50 ग्राम, बेनसल्फ @25 ग्राम, यारा कॉम्प्लेक्स @100 ग्राम, नायट्रोबोर @25 ग्राम 2) 3 और अगला : 10:26:26 @250 ग्राम, 18:46:00 @100 ग्राम, पोटाश @150 ग्राम, मैग्नीशियम सल्फेट @100 ग्राम, बेनसल्फ @35 ग्राम, यारा कॉम्प्लेक्स @150 ग्राम, नायट्रोबोर @25 ग्राम हर साल - प्रति एकड़ 5 किलोग्राम मायाकोर्हायाझा डालिए । छिड़काव द्वारा देनेवाले पोषक तत्व / होरमोन- - 5 ग्राम प्रति लीटर कैल्शियम नाइट्रेट दो महीने में एक बार आवश्यकता के अनुसार छिडकाव करें। - फुल अंकुरित होने से पहले, 2 ग्राम चीलेटेड मल्टी सूक्ष्म पोषक तत्व प्रति लीटर का छिड़काव करना चाहिए। - फूल झड रहे हों तो जल व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए।और एनएए और बोरान के 10 से 12 दिनों के अंतराल पर 2 बार छिडकाव करें और नीम कोटेड नीम केक ड्रिप के नीच डालिए। - 50 प्रतिशत फूल खिलने के बाद, 2 ग्राम चीलेटेड माइक्रो सूक्ष्म पोषक तत्व प्रति लीटर प्रमाण में छिड़काव करें और उसके बाद, 5 ग्राम 12:61:00 प्रति लीटर इस मात्रा में दूसरा छिड़काव करें। फल तोड़ने से 10 दिन पहले 5 ग्राम पोटेशियम सोनाईट प्रति लीटर इस मात्रा में छिड़काव करें। यदि ड्रिप सिंचाई है, तो घुलनशील उर्वरकों का उपयोग निम्नानुसार होना चाहिए – 1) 0 से 30 दिन तक : ह्यूमिक एसिड @2 लीटर /एकड़, 12:61:00 @50 किग्रा -350 पेड़ों के लिए, कॅल्शियम नायट्रेट @5 किलो/ एकड़, बोरान @400 ग्रा/ एकड़ 2) 30 से 60 दिन तक : पी अपटेक @3 लिटर/ एकड़, के अपटेक @3 लिटर/ एकड़, 13:40:13 @50 किग्रा प्रति 350 पेड़, मिक्स मायक्रोन्युट्रियंट @3 लिटर/ एकड़ 3) 60 से 90 दिनों तक : 13:00:45 @50 किग्रा/ 350 पेड़ों के लिए, के अपटेक @3 लिटर/ एकड़, ट्राइकोडर्मा @3 लिटर/ एकड़, पेसिलोमयसिस @3 लिटर/एकड़, कैल्शियम @1 ग्राम/ लीटर (छिड़काव), बोरान @1 ग्राम/ लीटर (छिड़काव) 4) 90 से 120 दिनों तक : 00:52:34 @50 किलो/एकड़, कॅल्शियम नायट्रेट @5 किलो/ एकड़, बोरान @400 ग्राम/एकड़ 5) 120 से 150 दिनों तक : 00:52:34 @50 किलो/एकड़, कॅल्शियम नायट्रेट @5 किलो/ एकड़, बोरान @400 ग्राम/एकड़ 6) 150 से 180 दिनों तक : 00:00:50 @100 किलो/ एकड़, पी अपटेक @3 किलो/ एकड़, के अपटेक @3 किलो/ एकड़ डॉ. विनायक शिंदे-पाटील, अहमदनगर [(एमएससी, पीएचडी (कृषि)] संस्थापक-मुख्य प्रबंधक, कृषिसमर्पण समूह, महाराष्ट्र राज्य
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