कृषि वार्ताAgroStar
MP में संरक्षित खेती को मिला बढ़ावा!
◆संरक्षित खेती पर दो दिवसीय किसान संगोष्ठी देश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 29 फ़रवरी के दिन राष्ट्रीय बागवानी विकास मिशन के अंर्तगत “संरक्षित खेती की तकनीकी और फसल प्रबंधन” विषय पर दो दिनों की राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन की शुरुआत की गई।
◆संगोष्ठी का शुभारंभ मध्य प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने किया। इस अवसर पर उद्यानिकी मंत्री ने कहा कि किसान संरक्षित खेती की नई तकनीक के इस्तेमाल से फसल उत्पादन को दुगना कर सकते हैं। किसान समृद्ध होगा, तभी देश और प्रदेश समृद्ध बनेगा।
◆मध्यप्रदेश में पिछले वर्षों में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश में इनका उत्पादन साढ़े चार लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 390 लाख मीट्रिक टन हो गया है। वर्तमान में मध्यप्रदेश उद्यानिकी फसल उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है।
◆किसानों के लिए चलाई जा रही है कई योजनाएँ उद्यानिकी मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रोत्साहन योजनाएँ और मार्गदर्शी कार्यक्रमों का संचालन केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। अब शिक्षित युवाओं द्वारा भी कृषि को रोजगार के रूप में अपनाना प्रारंभ किया गया है। युवा किसान फसल की बोनी से पूर्व मिट्टी के परीक्षण, मिट्टी की माँग के अनुसार उर्वरकों का उपयोग और पॉली हाउस जैसे संरक्षित फसल तकनीक से अपना उत्पादन बढ़ा रहे हैं।
◆ मंत्री ने कहा कि संरक्षित खेती की नवीन तकनीक को और लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है किसान शासन की अनुदान व प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने हॉर्टिकल्चर के साथ-साथ फ्लोरीकल्चर को भी अपनाने की सलाह किसानों को दी।
◆स्त्रोत:- AgroStar
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