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MP के किसानों को दिया जा रहा जैविक प्रमाण पत्र!
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MP के किसानों को दिया जा रहा जैविक प्रमाण पत्र!
✅ देश और दुनिया में जैविक उत्पादों की माँग बढ़ी है जिससे जैविक तरीके से खेती करने वाले किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिल जाती है। हालाकीं जैविक खेती करने में तो किसानों की रुचि बढ़ी है पर फिर भी अभी बहुत से किसानों ने इसका पंजीकरण नहीं कराया है जिसके चलते किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम नहीं मिल पा रहा है। जिसको देखते हुए किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को जैविक प्रमाणीकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ✅ 1700 से अधिक किसान कर रहे हैं जैविक खेती कृषि अधिकारियों द्वारा जैविक खेती कर रहे किसानों को जैविक प्रमाणीकरण से होने वाले फायदों की जानकारी दिये जाने पर उनका रुझान अब इस ओर बढ़ने लगा है। फिलहाल 1 हजार 780 किसान जैविक खेती कर रहे हैं। इनमें से 9 किसान अपनी कृषि भूमि का जैविक प्रमाणीकरण करा भी चुके हैं । इन किसानों के उत्पादों को मिल रही अच्छी कीमत को देखते हुये पिछले वर्ष दो तथा इस वर्ष तीन और किसानों ने जैविक प्रमाणीकरण के लिये आवेदन दिया है। ✅ कृषि भूमि के जैविक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया तीन वर्ष में पूर्ण होती है। इस दौरान यह देखा जाता है कि जैविक खेती में प्रतिबंधित आदानों का तथा प्रतिबंधित प्रक्रिया का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है। इसके साथ ही उत्पादन, प्रसंस्करण और भंडारण आदि का भी तय मानकों के आधार पर प्रतिवर्ष निरीक्षण किया जाता है और इन सब पर खरे उतरने के बाद ही जैविक कृषि कर रहे किसान को उसकी कृषि भूमि का जैविक प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। ✅ जैविक प्रमाणीकरण के बाद किसान अपने जैविक उत्पादों पर मध्यप्रदेश जैविक प्रमाणन संस्थान द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन नम्बर का इस्तेमाल कर सकता है। यह मार्क जैविक उत्पादों की शुद्धता की गारंटी होता है। ✅ जैविक प्रमाणीकरण के लिए किसान यहाँ करें संपर्क जैविक प्रमाणीकरण हेतु इच्छुक कृषक अपने से संबंधित विकासखंड के आत्मा कार्यालय, अनुविभागीय अधिकारी कृषि कार्यालय अथवा वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर प्रक्रिया जान सकते हैं। ✅ स्रोत:- Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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