जैविक खेतीडी डी किसान
फसल अवशेष प्रबंधन
• आमतौर पर किसान फसल अवशेष का घरेलू उपयोग करते है या उसे जलाकर नष्ट किया जाता है। ऐसा न करके उसका उचित प्रबंधन करें।
• फसल के अवशेष को केंचुआ खाद के लिए उपयोग में ले सकते हैं।
• फसल के अवशेषों में बायोडिग्रेडेबल पदार्थ होता है। यह मिटटी की उर्वरकता को बढ़ाने में मदद करता है।
• फसल के अवशेष को पहले छोटे छोटे टुकड़ो में काटा जाता है। इससे उसका सही विघटन होता है। इसका उपयोग पिट विधि द्वारा किया जाता है।
• पिट विधि के लिए सही जगह का चुनाव करें। पिट में सभी प्रकार के लेयर बनते हैं। _x000D_
• सबसे पहले फसल अवशेष लेयर बनाकर उसपर गोबर खाद डालिये। _x000D_
• 15 - 20 दिन के अंतराल पर पानी दीजिये। उसके बाद 20 -25 दिन के उपरांत केंचुआ डालना चाहिए। _x000D_
• पिट में 60 -70 % पर्याप्त नमी होनी चाहिए। 2 महीनों के बाद केंचुआ खाद तैयार होता है। _x000D_
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स्रोत: डी डी किसान_x000D_
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