गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
कद्दू वर्गीय कुल की सब्जियों में फल मक्खी की व्यवस्था
फल मक्खी विशेष रूप से करेला, कुंदरू, ककड़ी, खरबूजा, कददू, धारियों वाली तोरई आदि जैसी फसलों को नुकसान पहुंचाति हैं।
वयस्क फल मक्खी घर मक्खी के आकार की, हल्के भूरे रंग की होतीे है, इसके पैर पीले और पारदर्शी पंखों पर काले धब्बे होते हैं। मादा मक्खी अपने अंड-निक्षेपक की मदद से फल के छिलके के नीचे, समूह में सफेद, बेलनाकार अंडे देती है।
फलों में जहां अंडे रखतेे हैं उस जगह से चिपचिपा द्रव बाहर आता है। यह द्रव सूख जाता है और भूरे रंग के गोंद में बदल जाता है। अंडों से बाहर आने वाले लार्वा के पैर नहीं होते। उनके शरीर आगे की ओर पतले और पीछे की ओर मोटे होते हैं। वे फल में छेद कर के अंदर से गूदा खाते हैं। इससे फल सड़ जाते हैं और अंत में क्षतिग्रस्त फल गिर जाते है। क्षतिग्रस्त फलों से लार्वा बाहर आते हैं और मिट्टी में प्यूपा बनाते हैं। यह कीट गर्म जलवायु में अधिक सक्रिय होता है और इसका संक्रमण अप्रैल-मई के महीनों में अधिक दिखता है।
एकीकृत व्यवस्था
o फसल कटाई के बाद, गहरी जुताई की जानी चाहिए ताकि प्यूपा नष्ट हो जाएं।
o नियमित रूप से धब्बेवाले और गिरे हुए फलों को तोड़ें। जमीन में गड्ढा बनाकर उसमें क्षतिग्रस्त फल डालें। फिर उन पर पाउडर दवा छिड़कें और गड्ढा भर दें।
o फलों को नियमित रूप से तोड़ें और परिपक्व होने से पहले उन्हें तोड़ लें।
o खेत में क्यू ल्युर प्लाइवुड ब्लॉक ट्रैप @ 16 ट्रैप प्रति हेक्टेयर समान दूरी पर रखें।
o फल मक्खियों को आकर्षित करने और मारने के लिए घातक फँसियों का प्रयोग करें। घातक फँसियां बनाने के लिए, एक दिन पहले 500 ग्राम गुड़ को 10 लीटर पानी में घोलें। अगले दिन, इसमें 40 लीटर पानी डालें । इसमें 25 मि.ली. 76 ईसी डाइक्लोरवोस डालें। पुष्पन चरण के बाद, 7 x 7 मीटर की दूरी पर बड़ी बूंदों के रूप में खेत में इस मिश्रण का छिड़काव करें। अगर आवश्यकता हो तो, एक सप्ताह के बाद फिर से छिड़काव करें।
o यह फल मक्खी मिथाइल युजिनोल फेरोमोन ट्रैप की ओर आकर्षित नहीं होती है, इसलिए क्यू ल्यूर ट्रैप का उपयोग करें।
डॉ. टी.एम. भरपोडा,
एंटोमोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर,
बी ए कालेज ऑफ एग्रीकल्चर,
आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद- 388 110 (गुजरात भारत)