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चने में किट के संक्रमण से इस प्रकार करें बचाव
सलाहकार लेखएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
चने में किट के संक्रमण से इस प्रकार करें बचाव
. यदि आपके खेत में चने की बुवाई से पहले की फसल लार्वा (इल्ली) कीटों की वजह से संक्रमित हुई हो तो उसी खेत में चने की दोबारा बुवाई करने से बचें| इससे बचने के लिए खरीफ सीजन में जिस खेत में बाजरा, ज्वार या मूंगफली की बुवाई की थी, उसी खेत में चना बोएं| . बुवाई से पहले गर्मी के दिनों में खेत की दो बार गहराई से जुताई करें जिससे की फसल को नष्ट करने वाला लार्वा (इल्ली) खेत की जमीन की सतह के ऊपर आ जाये| ऐसा करने से लार्वा (इल्ली) धूप में नष्ट हो जायेगा या फिर चिड़िया उन्हें खा जाएँगी | . फसल की कटाई के बाद और खेत में चने की बुवाई से पहले वनस्पति और जंगली घास को जरूर जला दें| . चने की बुवाई के लिए कुछ मुख्य किस्मों जैसे - विजय, दिग्विजय, जैकी और विराट आदि का प्रयोग करें|
. बुवाई से पहले चने के बीज के साथ कुछ रसायनिक और जैविक प्रक्रिया भी अपनानी चाहिए जिससे बीज का संरक्षण होता है | इसके लिए बुवाई से पहले बीज को 4 से 5 ग्राम ट्राईकोडर्मा या 1.5 से 2 ग्राम कार्बनडेंजिम प्रति किलो लगाएं | _x000D_ . चने की फसल के साथ में गेहूं, तिलहन या सरसों, धनिया भी बोएं| इससे फसल पर लार्वा (इल्ली) के संक्रमण के खतरा कम रहता है | _x000D_ . चने की फसल जब एक महीने की हो जाए तभी इसमें से खरपतवार हटाएं| _x000D_ . चने के खेत में किसी भी तरह का लार्वा (इल्ली) दिखे तो उसे पूरी तरह नष्ट करने के लिए केरोसिन मिले पानी में डाल दें| _x000D_ . लार्वा (इल्ली) के संक्रमण को रोकने के लिए प्रति एकड़ में 4 फेरोमन जाल लगाएं| _x000D_ . सलाह के अनुसार 5 प्रतिशत नीम तेल का इस्तेमाल करें जिससे परजीवी या परभक्षीयों की संख्या बढ़ने में मदद होगी| जो लार्वा (इल्ली) को कम करने में कारगर होंगे | _x000D_ _x000D_ एग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर एक्ससीलेंस 28 नवम्बर 2018
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