पशुपालनकिसान समाधान
जानिए पशु ब्याने से पहले क्या क्या संकेत देते हैं
पशुओं में ब्याने के संकेत को समझना डेरी किसानों के लिए जरुरी है। ताकि वह पशुओं के व्यवहार को समझें और आसानी से उनकी समस्याओं को जानकर उनका निदान कर पाएं। सभी पशु यदि वह सामान्य अवस्था में नहीं है तो वह संकेतों के माध्यम से बताते हैं। विभिन्न अवस्थाओं में से ब्याने से पूर्व भी पशु कुछ संकेत देते हैं |
ब्याने से पहले पशु क्या संकेत देते हैं
• यदि पशु के योनि द्वार से स्वच्छ श्लेष्मा का रिसाव हो रहा हो और थनों का दूध से भर जाना प्रारंभ हो जाता है।
• समूह से अलग रहने की कोशिश करता है।
• ऐसे समय में पशु की भूख खत्म हो जाती है और वह खाने में दिलचस्पी नहीं लेता।
• पशु बेचैन होता है और पेट पर लातें मारता है या अपने पार्श्व/बगलों को किसी चीज से रगड़ने लगता है।
• श्रोणि स्नायु/पीठ की मांशपेशियां ढीली पड़ जाती है जिस से पूँछ ऊपर उठ जाती है।
ब्याने के दिन का पता लगाना
• जब भी पशु का गर्भधान करवाएं हमेशा गर्भाधान की तारीख लिखकर रखें।
• अगर पशु पुन: मद में नहीं आता है तो गर्भाधान के 3 माह पश्चात् गर्भ की जाँच अवश्य करवाएं।
• यदि गर्भाधान सही हुआ है तो आप उसके ब्याने का समय निकाल सकते हैं क्योंकि गाय का औसत गर्भकाल 280-290 दिन एवं भैंस का 305 – 318 दिन है।
ब्याने के संकेत
• सामान्य रूप से ब्याते समय बछड़े के आगे के पैर और सिर सबसे पहले दिखाई देता है।
• ब्याने की शुरूआत पानी का थैला दिखाई देने से होती है।
• यदि बछड़े की स्थिति सामान्य है तो पानी का थैला फटने के 30 मिनट के अंदर पशु बछड़े को जन्म दे देता है।
• प्रथम बार ब्याने वाली बछड़ियों में यह समय 4 घंटे तक हो सकता है।
• यदि पशु को प्रसव पीड़ा शुरु हुए एक घंटे से ज्यादा समय हो जाए और पानी का थैला दिखाई न दे तो तुरंत पशु चिकित्सा सहायता बुलानी चाहिए।
स्रोत: किसान समाधान
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