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ग्रीष्मकालीन मूंग, उडीद बीन और लोबिया में कीटों की पहचान और नियंत्रण
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
ग्रीष्मकालीन मूंग, उडीद बीन और लोबिया में कीटों की पहचान और नियंत्रण
गर्मियों में, किसान 15 फरवरी के बाद मूंग, उड़द और पपीते की नकद फसल के रूप में बुवाई करते हैं। यदि इन नगदी फसलों में भी कीट नियंत्रित न किया जाए, तो उत्पादन व गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ता है। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमने फसल में कीटों को पहचानने और उन्हें प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के तरीकों पर सही मार्गदर्शन देने की कोशिश की है। माहू: निम्फ और वयस्कों का रंग काला होता है। शुरुआत में उनकी संख्या कम होती है, लेकिन मादा सीधे बच्चों को जन्म देती है, जिसके कारण उनकी संख्या बढ़ जाती है। माहू युवा शाखाओं, पत्तियों और फलियों में चिपके हुए दिखाई देते हैं। निम्फ और वयस्क कीट युवा तनों से रस चूसते है, जिसके परिणामस्वरूप पत्तियां पीली हो जाती है। पौधे की वृद्धि में रुकावट आती है। अधिक संक्रमण में, पौधे के ऊपरी भाग और उसकी फली मुड जाते है और उत्पादन और गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। माहू के शरीर से हनीड्यू स्राव बाहर निकलता है जो पत्तियों की सतह पर चिपक जाता है, और वे चमकदार दिखाई देते हैं। इस पदार्थ पर काली कवक बढ़ती है। जिससे पूरा पौधा काला हो जाता है। पत्तियां काली हो जाने पर प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में रुकावट आ जाती है। एकीकृत व्यवस्था • माहू के संक्रमण के साथ साथ, परभक्षी कीट, लेडी बर्ड बीटल भी देखी जाती है। इस बीटल के लार्वा और वयस्क (पीले पट्टियों के साथ काले रंग का) माहू को खाते हैं और माहू की संख्या को कम करते हैं। ऐसे समय में कीटनाशकों के छिड़काव टालें। एक और परभक्षी कीट, क्राईसोपा लार्वा भी माहू को खाते है। • उपद्रव की शुरुआत में, नीम के बीज का अर्क या 500 ग्राम (5% अर्क) वर्टिसेलियम लेकैनी पाउडर को 5 लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव करेंं। • यदि उपद्रव अधिक है, तो 10 लीटर पानी में मिथाइल-ओ- डिमैटोन 25 ईसी 10 मी.ली. या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 5 मी.ली. या थिआमेथोक्साम 25 डब्लूजी 4 ग्राम मिलाएं और छिड़काव करें, ताकि इन कीटों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
ह्वाइट फ्लाई (सफेद मक्खी) इस मक्खी के युवा और वयस्क पत्तियों से रस चूसते हैं। गंभीर प्रकोप में पत्तियां मुड जाती हैं। यह मक्खी मूंग, मोठ और लोबिया में पीले मोज़ेक वायरस रोग के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि संक्रमण अधिक है, तो युवा मक्खियों के शरीर से हनीड्यू स्राव बाहर निकलता है और उस पर काली धूमिल फफूंद का विकास दिखाई देता है जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में रूकावट आ जाती है। एकीकृत व्यवस्था • एन्कार्सिया इस कीट के परभक्षी हैं, जो सफेद मक्खी के प्यूपा को नुकसान पहुंचाते हैं। • 500 ग्राम (5% अर्क ) नीम बीज अर्क या 50 मि.ली. नीम तेल या 20 मि.ली. (1 EC) to 40 मि.ली. (0.15 EC) नीम आधारित दवा10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। • ऐसेफेट 75 SP 10 ग्राम या ट्राईएज़ोफोस 40 EC 20 मि.ली. या एसिटामिप्रिड 20 SP 4 ग्राम10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। डॉ. टी. एम. भरपोडा पूर्व कीट विज्ञान प्रोफेसर बी. ए. कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर ,आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद - 388 110 (गुजरात भारत)
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