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प्रसंस्कृत चारा खिलाते समय सावधानी बरतें
पशुओं के लिए प्रसंस्कृत चारा तैयार करते समय आप जो भी तरीका अपनाते हैं उनसे कुछ नुकसान भी हो सकता है इसलिए निम्न बातों का ध्यान रखें।
• पशुओं को प्रसंस्कृत चारा और मुरघास एकदम से ज्यादा न खिलाएं। इसे धीरे-धीरे उनके आहार में शामिल करें और 5 से 7 दिनों के बाद पूर्ण रूप से देना शुरू करें।
• यदि चारे में फफूंद लग जाए या वह काला पड़ जाए तो इसे जानवरों को नहीं खिलाना चाहिए।
• मुरघास एक बार खोलने के बाद उसे जानवरों को एक फिट की मात्रा तक खिलाना ही चाहिए।
• यूरिया प्रसंस्कृत चारे को सबसे पहले छांव में फैलाएं और उससे अमोनिया की गंध जाने के बाद ही पशुओं को खिलाएं।
• प्रसंस्कृत चारे और मुरघास को खिलाने के बाद उसे अच्छी तरह से ढक दें ताकि उसमें कोई अन्य कीट या सांप जैसे जहरीले प्रणी न जाएं।
• छह महीने से कम उम्र के बछड़े की जुगाली की क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती है, इसलिए उन्हें प्रसंस्कृत चारा नहीं देना चाहिए।
संदर्भ – अॅग्रोवन
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