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फसलों में चूहों का प्रभावी नियंत्रण
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
फसलों में चूहों का प्रभावी नियंत्रण
सब्जियों, तिलहनों, अनाज आदि कई फसलों की प्रारंभिक अवस्था में चूहे फसल को खराब करते हैं। वह मनुष्यों और अन्य जानवरों में सार्वजनिक स्वास्थ्य रोग जैसे प्लेग, लेप्टोस्पायरोसिस का प्रसार करके नुकसान पहुंचाते हैं। जानिए इनसे होनेवाले नुकसान और उपचार का विवरण। लक्षण चूहे फसलों और गोदाम के अनाज को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अमूमन देखा गया है कि यदि खेतों में या खेत की पानी के नालियों के नजदीक बिल हों तो फसल में चूहों का प्रकोप होता है। साथ ही फसल को मिलने वाले पानी के बिलों में जाने से खेती की लागत ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए मेढ़ और नालियों की मरम्मत हमेशा करनी चाहिए। नियंत्रण: किसी भी फसल में चूहों के नियंत्रण के लिए जहर मुक्त चारे का उपयोग किया जाना चाहिए। इस चारे को बनाने के लिए जिंक फास्फाइड और एक हल्का खुराक विष का उपयोग किया जाना चाहिए। सबसे पहले, 100 ग्राम आटे में 5 ग्राम तेल और 5 ग्राम मीठे गुड़ को मिला देना चाहिए। उसके बाद उसकी गोलियां बनाकर चूहे के रास्ते में डालना चाहिए। चूहे मिश्रण की खपत के आदी हो जाएं। फिर 3 ग्राम जिंक फास्फाइड डालकर हाथ में दस्ताने पहनकर या छड़ी से साथ में मिलाएं। आटे की गोलियां करके उन्हें चूहे के रास्ते पर रखें ताकि चूहे उसे खाकर मर सकें। स्रोत : एग्रोस्टार एग्रोनॉमी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
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