कृषि वार्ताAgrostar
17 हजार ग्राम पंचायतों का होगा फायदा
🌱उत्तर प्रदेश के 17 हजार ग्राम पंचायतों में किसान पाठशालाएं चलाई जाएगी. इस दौरान कुल 1 करोड़ किसानों को मोटे अनाज की खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी. इसपर सरकार ने कुल 21 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है.
🌱उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में खेती-किसानी की महत्वपूर्ण जगह है. इसकी गिनती उन राज्यों में होती है जहां बड़े पैमाने पर अनाज का उत्पादन किया जाता है.
🌱किसान रहेंगे अपडेट:-
खेती क्षेत्र में बेहतरी के बाबत सतत जागरूकता सबसे जरूरी है. इसी जागरूकता से पता चलता है कि किसी क्षेत्र में देश-दुनिया में क्या चल रहा है. और तुलनात्मक रूप से हम कहां हैं? खेतीबाड़ी की बेहतरी और किसानों की खुशहाली के लिए भी जरूरी है कि इससे जुड़ें संस्थानों में क्या अपडेट हो रहा है, यह किसान जानें. इन संस्थानों में जो शोध कार्य हो रहे हैं वह प्रगतिशील किसानों के जरिये आम किसानों तक कैसे पहुचे, इसके लिए किसान पाठशाला का प्रशिक्षण लगातार चल रहा है.
🌱उत्पादन बढ़ाने पर फोकस:-
कृषि विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सामयिक फसलों के लिए खेत की तैयारी से लेकर उन्नत प्रजाति के बीज, बीज शोधन, बुवाई का समय, खाद-पानी और समय-समय पर फसल संरक्षण के उपायों की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी. यही नहीं, 'अंतराष्ट्रीय मिलेट ईयर 2023' के मद्देनजर इस बार मोटे अनाजों की खेती पर भी जोर होगा. अलग-अलग फसलों का जिलेवार प्रति हेक्टेयर, प्रति कुंतल अधिकतम और न्यूनतम उत्पादन का पता लगाने के बाद इन किसान पाठशालाओं के जरिए न्यूनतम उत्पादन वाले जिलों में संभव कोशिश करके उत्पादन बढ़ाने पर भी फोकस करेगी.
🌱स्रोत:-Agrostar
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