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सफेद लट के लक्षण और प्रबंधन!
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सफेद लट के लक्षण और प्रबंधन!
🥜मूंगफली की फसल से किसान अच्छा उत्पादन पा सकते हैं. बस इसके लिए उन्हें अपनी फसल में सफेद लट पर नियंत्रण करना होगा. नीचे लेख में जानें इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी सफेद लट मिट्टी में रहने वाले बहुभक्षी कीट हैं और इन्हें जड़ लट के रूप में भी जाना जाता है। 🥜सफ़ेद लट अपना भोजन मिट्टी में उपलब्ध आर्गेनिक पदार्थ और पौधों की जड़ों से प्राप्त करते है। मूंगफली के अलावा सफेद लट अखरोट, तम्बाकू, आलू और कई अन्य तिलहन, दालें और सब्जी की फसलें अमरूद, गन्ना, नारियल, सुपारी की जड़ों पर हमला कर अपना भोजन प्राप्त करते है। सफेद लट मूंगफली की फसल को 20-80 प्रतिशत तक नुकसान कर सकती है। 🥜 सफेद लट पूरे वर्ष मौजूद रहते हैं, लेकिन इनकी सक्रियता बरसात के मौसम के दौरान ज्यादा दिखाई देती है। मानसून की पहली बारिश मई के मध्य या जून महीने में वयस्क लट संभोग के लिए बड़ी संख्या में बाहर आते हैं और खेत में व उसके आसपास सहवास करने वाली मादाएं सुबह जल्दी मिट्टी में लौट आती हैं और अंडे देना शुरू कर देती हैं। फिर से अपने शेष जीवन चक्र के लिए मिट्टी में लौट जाते है तथा अगली मानसूनी बारिश तक लगभग एक मीटर की गहराई पर मिट्टी निष्क्रिय अवस्था में रहती है। 🥜लक्षण :- यह कीट भूमिगत है, इसलिए इस किट से होने वाले नुक्सान को मुख्यतः नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। संक्रमित पौधा पीला पड़ जाता है और मुरझाया हुआ दिखने लगता है। अंत में पौधा सूख जाता है जिसे आसानी से जमीन से निकाला जा सकता है। भारी संक्रमण में, पौधे मर जाते है और मरे हुए पौधे खेतों के अंदर पेचो में दिखाई देते है। सफ़ेद लट पौधों की जड़ों को भी खा जाते हैं। लटों के कारण मूंगफली के उत्पादन में भारी क्षति होती है। वयस्क लट रात में सबसे पहले पत्तियों में छेद करते हैं और बाद में केवल मध्य पत्ती की मध्य शिरा को छोड़कर पूरी पत्ती को खा जाते हैं। 🥜प्रबंधन :- किसी क्षेत्र में यदि सफेद लटों का प्रकोप है तो वहां इसका प्रबंधन एक अकेले किसान के प्रयसों से संभव नहीं है इसके लिए समुदायिक तौर पर सभी किसान को रोकथाम के उपाय करने पड़ेंगे। सफेद लट का प्रबंधन सामुदायिक दृष्टिकोण के माध्यम से करना ही संभव होता है। 🥜वयस्क प्रबंधन :- >पहली बारिश होने के बाद एक लाइट ट्रैप/हेक्टेयर की दर से लगाएं। >लट संभावित क्षेत्रों में खेतों के आस-पास के पेड़ों की कटाई कर दें और जो झाड़ियां खेत के पास है उन्हें काट के नष्ट कर दें। >सूर्यास्त के समयपेड़ों और झाड़ियों पर, कीटनाशकों जैसे इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल @ 1.5 मिली/लीटर या मोनोक्रोटोफॉस 36 एसएल @ 1.6 मिली/लीटर का छिड़काव करें। >पेड़ों के पास गिरे हुए लटों को इकट्ठा करें और नष्ट कर दें। 🥜लट प्रबंधन :- >प्यूपा को चिलचिलाती तेज धूप के संपर्क में लाने के लिए गर्मियों में गहरी जुताई करें। >छोटे पक्षियों को संरक्षित करें क्योंकि ये इन सफेद लट का शिकार करते है। >अच्छी तरह विघटित जैविक खाद का प्रयोग करें। >बुआई से पहले मिट्टी में कार्बोफ्यूरान3 सीजी @ 33.0 किग्रा/हेक्टेयर या फोरेट 10 सीजी @ 25.0 किग्रा/हेक्टेयर मिलाएं। >लट संभावित खेतों में बिजाई वाली रेखाओं में कीटनाशकों जैसे थियामेथोक्सम 25 डब्ल्यूएस @ 1.9 लीटर/हेक्टेयर या फिप्रोनिल 5 एफएस का प्रयोग @ 2.0 लीटर/हे. का प्रयोग करें। >संभावित क्षेत्रों में बीज उपचार के लिए बिजाई से पहलेक्लोरपायरीफॉस 20EC @ 6.5-12.0 मिली/किग्रा या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 SL @ 2.0 मिली/किग्रा से बीज का उपचार करें। >यदि पानी की उपलब्धता है तो अगेती बिजाई करें। >खेतों में वयस्क सफेद लट दिखाई देने पर फसलों की जड़ों में क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी@ 4.0 लीटर/हेक्टेयर या क्विनालफॉस 25 ईसी @ 3.2 से लीटर/हेक्टेयर सराबोर करें 🥜स्त्रोत:-Agrostar किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
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