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सोयाबीन फसल कटाई के बाद बीजों का भंडारण!
👉सोयाबीन में तेल की अधिक मात्रा उसे अन्य बीजों या अनाजों की अपेक्षा सड़ने के लिए और अधिक संवेदनशील बनाती है, जिसके कारण भंडारण के लिए तापमान तथा आर्द्रता की विशेष परिस्थितियाँ आवश्यक होती हैं।
◉आदर्श रूप से, बीजों को स्थिर वातावरण में स्थिर तापमान / आर्द्रता पर संरक्षित रखना चाहिए।
◉ बीजों के लिए आरंभिक आर्द्रता 11-13% होनी चाहिए, और भंडारण का तापमान 20 से 30 डिग्री से. के बीच होना चाहिए।
◉भंडारण कक्ष में नमी के स्तर को बरकरार रखने के लिए आप राख, चावल के भूसे, चारकोल, बेक्ड सॉल्ट और मैग्नीशियम सल्फेट (MGSO4) का प्रयोग कर सकते हैं। इन परिस्थितियों में, बीज को बिना किसी विशेष क्षति के 6 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
◉भंडारण की अच्छी सुविधाएं तथा परिस्थितियाँ रोग तथा कीटों से बीजों में होने वाली क्षति को रोकती हैं। बीज की उम्र लंबी करने में कार्य करने वाले मुख्य कारकों में नमी और तापमान के साथ भंडारण के लिए उपयोग किए गए वैले तथा पान भी है।
◉यदि सम्भव हो, तो साफ़ गोदाम का उपयोग करें जो नमी और चूहों की प्रजाति को आने से रोकें। (निजी तथा सरकारी भंडारगृह, सहकारी संस्थायें)।
◉लकड़ी के डब्बों का इस्तेमाल परिवहन के लिए प्रयोग करें क्योंकि ये सोयाबीन के बीजों के लिए सर्वश्रेष्ठ भंडारण का भंडारण की अच्छी सुविधाएं तथा परिस्थितियाँ रोग तथा कीटों से बीजों में होने वाली क्षति को रोकती हैं। बीज की उम्र लंबी करने में कार्य करने वाले मुख्य कारकों में नमी और तापमान के साथ भंडारण के लिए उपयोग किए गए थैले तथा पात्र भी हैं।
◉इसके विकल्प के तौर पर, बाँस की चटाइयों के दो स्तरों के मध्य पॉलीथीन की परत लगा कर उपयोग करें।
◉कम अवधि के भंडारण के लिए नायलॉन, बोरियों या कपड़े के बैलों का उपयोग करें (8-9 महीने)
◉मध्यम से लंबे समय के भंडारण के लिए बीजों का बोरियों में भंडारण करें (2-5 महीने)
◉थैलों को अधिक दवाब से बचाने के लिए एक के ऊपर एक 5 से अधिक की संख्या में न रखें।
◉रोग के आगे फैलने से बचाने के लिए थैलों को किनारे की दीवारों और फ़र्श से सम्पर्क में नहीं आने देना चाहिए।
◉उन स्थानों, थैलों और पदार्थों का उपयोग न करें जिनका पहले उर्वरकों, सीमेंट इत्यादि के लिए प्रयोग किया गया हो।सोयाबीन में तेल की अधिक मात्रा उसे अन्य बीजों या अनाजों की अपेक्षा सड़ने के लिए और अधिक संवेदनशील बनाती है, जिसके कारण भंडारण के लिए तापमान तथा आर्द्रता की विशेष परिस्थितियाँ आवश्यक होती हैं।
👉स्त्रोत:-Agrostar
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