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सोयाबीन पत्तियों को खाने के लार्वा का नियंत्रण
गुरु ज्ञानएग्रोस्टार एग्रोनोमी सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस
सोयाबीन पत्तियों को खाने के लार्वा का नियंत्रण
मध्य प्रदेश में सोयाबीन फसल की खेती व्यापक रूप से की जाती है। पिछले दशक से, गुजरात और महाराष्ट्र में इस फसल की खेती में वृद्धि हुई है।सोयाबीन में हरा लार्वा (ईल्ली) पत्ति को खाकर पोधो को नुकसान पहुँचता है। अतः बड़े लार्वा भी इस पृष्ठ पर जीवित रहेंगे और पूरे पौधे को नष्ट करते है। एकीकृत प्रबंधन: मैदान के चारों ओर युग के पेड़ लगाए । पत्ते खाने वाले लार्वा अंडे को किस्टर की सतह पर डालते हैं, उन्हें अंडों को इखट्टे करके नष्ट करना चाहिए। नीम का तेल प्रति पंप 50 मिलीलीटर/पंप। यदि आवश्यक हो, तो इसे 10 दिनों की अवधि के साथ स्प्रे करें। शाम के दौरान, प्रति हेक्टेयर 250 मिली 500 लीटर पानी एसएनपीवी (परमाणु पॉलीहेड्रोस वायरस) अंकुरित।
बैसिलस थुरिनज़िनिस जैविक पाउडर 15 ग्राम या बावारिया स्पिनैच बेसिलिया जैविक पाउडर 40 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी यदि अत्यधिक प्रभाव हो, तो प्रोपेनफेस 50 ईसी 10 मिलीलीटर या डिक्लोरोवोस 76 ईसी 7 मिलीलीटर /10 लीटर पानी छिड़काव करें। पानी की कमी के दौरान प्रति हेक्टेयर क्विनोल्फोस 1.5 धूल / हेक्टेयर 25 किलोग्राम भुरकाव करें। डॉ. टी.एम. भरपोडा, एंटोमोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर, बी ए कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, आनंद कृषि विश्वविद्यालय, आनंद- 388 110 (गुजरात भारत)
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